मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं के लिए कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने महाकुम्भ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को पुख्ता प्रबंध करने की सलाह दी, ताकि यह धार्मिक मेला सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आकर्षक रूप से संपन्न हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ के दौरान प्रयागराज में सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि महाकुम्भ से पहले सभी टैक्सी, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन कराए जाएं।
इसके साथ ही, माफिया के गुर्गों पर कार्रवाई को तेज किया जाए, ताकि मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न न हो।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सुरक्षा बलों की तैनाती पूरी तरह से सक्षम और प्रशिक्षित हो। इस दिशा में, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 20,000 पुलिसकर्मियों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाए।
साथ ही, महाकुम्भ में सुरक्षा के लिहाज से एंटी-ड्रोन सिस्टम को भी सक्रिय किया जाए। मुख्यमंत्री ने फायर सेफ्टी, घाट सुरक्षा और चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के दौरान यातायात की समस्या को हल करने के लिए भी पुख्ता योजनाओं का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के सभी प्रमुख मार्गों का 5 जनवरी तक सुदृढ़ीकरण और नवनिर्माण का काम पूरा कर लिया जाए।
इनमें अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और मीरजापुर से आने वाले मार्ग प्रमुख हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो, इसके लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
सड़क निर्माण के साथ ही, मुख्यमंत्री ने सूबेदारगंज सेतु का निरीक्षण किया, जहां एक लेन का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस पुल का दूसरा लेन भी मकर संक्रांति से पहले तैयार किया जाए।
इस पुल के निर्माण में 350 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने संगम नोज पर ड्रेजिंग कार्य को तेज करने की बात भी कही, ताकि जलभराव की समस्या का समाधान हो सके।
मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में जल आपूर्ति की व्यवस्था को लेकर भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर तक सभी सेक्टरों में 24×7 शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, महाकुम्भ में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 10,000 सफाई कर्मचारियों की तैनाती करने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने ‘स्वच्छ महाकुम्भ’ की अवधारणा को बल देते हुए सभी जनप्रतिनिधियों से इस दिशा में सक्रिय रूप से काम करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के आयोजन में धार्मिक संस्थाओं और साधु-संतों को भूमि आवंटन के काम की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी अखाड़ों को भूमि आवंटन का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि नए संस्थाओं का सत्यापन कर उनके लिए स्थान आवंटन किया जाए।
इस बार महाकुम्भ में विशेष ध्यान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा पर दिया जाएगा। 7000 से अधिक बसों का संचालन किया जाएगा और डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनाए जाएंगे।
इन सभी उपायों से महाकुम्भ का आयोजन एक आदर्श मेला बनेगा, जहां श्रद्धालु न केवल धार्मिक क्रियाएं करेंगे, बल्कि उनके लिए सुरक्षा, सुविधाएं और स्वच्छता भी सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ को ‘स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा’ का प्रतीक बनाने के लिए अधिकारियों से आवश्यक सभी कदम उठाने का निर्देश दिया, ताकि यह आयोजन न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी सकारात्मक छवि छोड़ सके।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav