तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक माघ मेले की तैयारियों में बारिश और भीषण ठंड बाधा बन रही है। मेला कार्य पूरा करने की डेडलाइन बीतने के बाद भी मेला क्षेत्र में ज्यादातर कार्य अधूरे हैं। दो दिनों से हुई बारिश के चलते मेला क्षेत्र में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए बिछाए जाने वाले चकर्ड प्लेट को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। कड़ाके की ठंड भी कार्य में बाधा बन रही है। हालांकि मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि स्नान पर्व से पहले सभी कार्य पूरे हो जाएंगे।
दरअसल हर साल जनवरी महीने में संगम के तट पर आस्था के सबसे बड़े माघ मेले का आयोजन होता है। करीब दो महीने तक श्रद्धालुओं के साथ ही साधु संत यहां पर धर्म और अध्यात्म की अलख जगाते हैं। माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु संतों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मेला प्राधिकरण शिविर निर्माण, पानी, शौचालय समेत दूसरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराता है। मेला प्रशासन अक्टूबर महीने से ही कार्यों की तैयारियों में जुट जाता है।
इस बार का माघ मेला कई मायनों में खास भी होना है। क्योंकि इसके बाद साल 2025 में यहां पर महाकुंभ का आयोजन होना है। इस लिए इस बार के माघ मेले को महाकुंभ का ट्रायल माना जा रहा है। लेकिन माघ मेले की तैयारियों में इस बार ठंड और बारिश फिलहाल बाधा बन गई है। हालांकि मेला प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी दयानंद प्रसाद ने दावा किया है कि सभी कार्य समय से पूरा हो जाएंगे। अभी पहले स्नान पर्व में समय है। इस लिए दिन रात एक करके सभी विभागों के कार्यों को पूरा करा लिया जाएगा। वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकदार के मुताबिक दिक्कतें जरूर हो रही है। क्योंकि बारिश के साथ ही भीषण ठंड के चलते कार्य में दिक्कत आ रही है। मजदूरों को फिलहाल दिन रात रोक कर काम लिया जा रहा है। कोशिश है कि समय से मेला के कार्यों को पूरा कर लिया जाए।