प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के बाद पहली बार काशी (वाराणसी) का दौरा किया। बाबतपुर एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर के माध्यम से वे मेंहदीगंज स्थित जनसभा स्थल पहुंचे और वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ₹39 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण, GI उत्पादों को प्रमाण पत्र वितरण और तीन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि काशी और उत्तर प्रदेश को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए आपका आभार। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज GI टैग उत्पादों में देश में प्रथम स्थान पर है और काशी के शिल्पकारों को आपने नई पहचान दी है। साथ ही उन्होंने बताया कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में काशी की विशेष भागीदारी रही है।
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने काशीवासियों को आत्मीयता से प्रणाम करते हुए कहा, “काशी हमार हौ, हम काशी के हौ। संकटमोचन के दर्शन का सौभाग्य मिला। आज काशी के लोग विकास का उत्सव मना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि काशी ने आधुनिक विरासत को संजोया है और प्रगति की नई रफ्तार पकड़ ली है।
काशी ने आधुनिक समय को साधा है। विरासत को संजोया है। भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में काम किया। काशी अब सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है। काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि काशी केवल पुरातन नहीं बल्कि प्रगतिशील भी है। यह अब पूर्वांचल के आर्थिक विकास का केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि आज पूर्वांचल के कई हिस्सों में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल सुविधाएं और जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये योजनाएं हर परिवार, हर युवा और हर गांव तक पहुंचकर इस क्षेत्र को विकसित पूर्वांचल बनाएंगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती का उल्लेख करते हुए उन्हें और सावित्रीबाई फुले को नारी सशक्तिकरण के प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार उनके विचारों और संकल्पों को आगे बढ़ा रही है, जिससे नारी आत्मनिर्भरता और सामाजिक समानता को नई दिशा मिले।
पीएम मोदी ने राजनीतिक कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग केवल सत्ता हथियाने के लिए राजनीति करते हैं, उनका सिद्धांत है “परिवार का साथ, परिवार का विकास”, जबकि हमारी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज की बहनें और बेटियां पूर्वांचल में नई मिसाल बन चुकी हैं और सरकार पर विश्वास ने इतिहास रचा है।
दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े अस्पताल अब आपके घर के पास आ गए हैं। यही तो विकास है- जहां सुविधाएं लोगों के पास पहुंचती हैं। 10 साल में हमने सिर्फ अस्पतालों की गिनती नहीं बढ़ाई, बल्कि मरीज की गरिमा भी बढ़ाई है। आयुष्मान योजना गरीब भाइयों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह सिर्फ इलाज नहीं देती, बल्कि इलाज के साथ विश्वास भी देती है।
जनता ने मुझे तीसरी बार आशीर्वाद दिया, तो हमने भी आपको सेवक के रूप में अपने कर्तव्य को निभाया है। कुछ लौटाने का नम्र प्रयास किया है। मेरी गारंटी थी कि बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा। इसी का परिणाम है आयुष्मान योजना।
बनास डेयरी ने तकदीर और तस्वीर दोनों बदली हैं। इस डेयरी ने आपके सपनों को नई उड़ान दी है। इन प्रयासों से पूर्वांचल की अनेक बहनें अब लखपति दीदी बन गई हैं। जहां पहले गुजारे की चिंता थी, वहां अब कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। यह परिवर्तन बनारस के साथ-साथ पूरे देश में दिखाई दे रहा है।
आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 65% की वृद्धि हुई है, यानी डबल से भी ज्यादा। यह सफलता आप जैसे किसानों की है। यह सफलता एक दिन में नहीं मिली है। 10 वर्षों से हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं। हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है और सब्सिडी का भी इंतजाम किया है।
देश में 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया। प्रयास है कि डेयरी सेक्टर के लोगों को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सके। गायों की ब्रीडिंग का काम साइंटिफिक अप्रोच से हो, इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन का काम चल रहा है।
अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं है। इलाज के लिए दर-दर भटकने की बेबसी नहीं रही है। आप इलाज की चिंता मत कीजिए। आज हर दिन लाखों लोग वाराणसी आते हैं। बाबा का दर्शन करते हैं। मां गंगा में स्नान करते हैं। हर यात्री कहता है- बनारस बहुत बदल गया है। कल्पना कीजिए, अगर रेल, सड़कों और एयरपोर्ट की स्थिति 10 साल पहले जैसी होती तो काशी की हालत कितनी खराब हो चुकी होती।
जाम मुक्त बनारस
पहले छोटे-छोटे त्योहारों के दौरान भी जाम लग जाता था। पहले जाम में फंसकर जाना होता था, अब फुलवरिया का फ्लाईओवर बन गया है। ऐसे में जौनपुर- गाजीपु के लोगों को एयरपोर्ट जाने के लिए शहर के बीच से गुजरना पड़ता था। अब लोग रिंग रोड से सीधे निकल जाते हैं।
2036 में ओलिंपिक भारत में हो, इसके लिए हम प्रयासरत हैं
एक दशक में बनारस और आसपास की कनेक्टिविटी पर 45 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए। यह पैसा केवल कंक्रीट में नहीं गया, यह विश्वास में बदला है। इसका फायदा काशी और आसपास के जिलों को मिल रहा। एयरपोर्ट के पास अंडरग्राउंड टनल बनने जा रही है। इसी के साथ मोदी ने कहा कि 2026 में ओलंपिक भारत में हो इसके लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं।
जौनपुर और गाजीपुर के प्रोजेक्ट पर काम शुरू
वाराणसी शहर और सारनाथ को जोड़ने के लिए नया पुल भी बनने जा रहा। इससे एयरपोर्ट और अन्य जनपदों से सारनाथ जाने के लिए शहर के अंदर से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। जब ये सारे काम पूरे हो जाएंगे, तो बनारस में आवाजाही आसान हो जाएगी। रफ्तार और कारोबार भी बढ़ेगा। वाराणसी आने वालों को भी सुविधा होगी। वाराणसी में अब रोप-वे का ट्रायल भी शुरू हो गया है। वाराणसी में विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े जो भी काम होते हैं, उनका फायदा पूर्वांचल के युवाओं को मिलता है।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, मंत्रीगण सुरेश खन्ना, अरविंद कुमार शर्मा, अनिल राजभर, रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालू, विधायकगण डॉ नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, डॉ अवधेश सिंह, टी राम, डॉ सुनील पटेल, बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।