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Basti Hospital News: निजी अस्पताल ले रहे मरीजों की जान, संबंधित अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई

Private hospitals are taking lives of patients, concerned authorities are not taking action

Private hospitals are taking lives of patients, concerned authorities are not taking action

बस्ती में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी और झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से लोग बिना समय के अपनी जान गवां रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं और कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण आए दिन निजी अस्पतालों में लोगों की जान चले जाने की खबरें आम लगने लगी हैं। मामला बस्ती जिले का है, जहां एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी।

अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

निजी अस्पताल में बुजुर्ग की मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही की मांग की। मौके पर पहुंची पुलिस परिजनों को समझाने बुझाने का प्रयास करती रही, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि बहोशी का ओवरडोज दिए जाने के चलते उनके मरीज की जान चली गई।

बेहोशी के ओवरडोज ने ली पिता की जान

मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता का बाइक से एक्सीडेंट हो गया था और उनके पैर में चोट लग गई थी। जिसके इलाज के लिए उन्हें सूर्या हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन किया। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान उन्हें बेहोशी का ओवरडोज दिया गया, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

हालांकि परिजनों के आरोप के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने इस पूरे मामले में अपनी सफाई दी है। डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने मरीज के इलाज में कोई लापरवाही नहीं की है। मरीज की मौत अचानक हार्ट अटैक होने से हुई है।

ऑपरेशन के दौरान आया कार्डियक अरेस्ट

मामले की जानकारी मिलते ही सीएमओ रामशंकर दूबे अस्पताल पहुंच गए। जहां उन्होंने मृतक के परिजनों को समझाते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद वो शांत हुए। इस मामले को लेकर जब सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति का ऑपरेशन हो रहा था, इसी दौरान ऑपरेशन के बाद इनको कार्डियक अरेस्ट हो गया, ये अस्पताल और मरीज के अटेंडेंट के लिए भी बड़ी दर्दनाक बात है। शव का पोस्टमार्टम कर मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा।

अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत हो गई। जिससे परिजन गुस्से में हैं। वहीं इस मामले में अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। कुल मिलाकर मौत का कारण जो भी रहा हो लेकिन समाधान कुछ भी निकले हुए नहीं दिखा। लेकिन सवाल इस बात का है कि प्राइवेट अस्पतालों में लगातार मरीजों की मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इन पर कठोर कार्रवाई करने से झिझक क्यों रही है? क्या इन अस्पतालों से अधिकारी की पहचान है या फिर मामला कुछ और है…!

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