यूपी में रेशम निभाग ने 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। वहीं इन मशीनों की डिलीवरी और इंस्टॉलेशन के लिए सरकार कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी को नियुक्त करेगी।
यूपी में योगी सरकार रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तर पर क्रियान्वयन है। सीएम योगी के विजन के तहत प्रदेश में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्लस्टरों में बड़े स्तर पर कार्य पूरे किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, अब योगी की मंशा के अनुरूप महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर और औरैया को मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स से लैस करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। इन रीलिंग यूनिट्स के तहत 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया रेशम विभाग ने शुरू भी कर दी है।
आपको बता दें कि इस क्रय प्रक्रिया को कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा कंप्लीट किया जाएगा, जिसको रेशम विभाग स्वयं नियुक्त करेगा। इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी के कार्य आवांटन के बाद 90 दिनों के अंदर इन सभी यूनिट्स को निर्धारित किए गए जिलों में डिलिवर और इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए जो रेशम विभाग ने आवेदन मांगे हैं, उसमें मुख्यतः उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय व राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से पंजीकृत कंपनियों को मुख्य रूप से वरीयता दी जाएगी। इन्हें अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) में भी रियायत दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
मल्टी एंड रीलिंग यूनिट में कई तरह के मशीनरी कॉम्पोनेंट्स होते हैं जो बेसिन यूनिट्स के ही अंतर्गत आते हैं। वहीं कुल 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया रेशम विभाग द्वारा पूरी की जा रही है। आपको बता दें कि इन बेसिन यूनिट्स में 50 किलोग्राम कैपेसिटी वाला हॉट एयर ड्रायर, कोकून सॉर्टिंग टेबल, ब्रशिंग प्रक्रिया के लिए दो पैन टेबल्स, सर्कुलर प्रेशराइज्ड कोकून कुकिंग तथा वैक्यूम प्रीमिएशन प्री ट्रीटमेंट इक्विपमेंट से परिपूर्ण रहेगा।
वहीं, बेसिन मल्टीएंड रीलिंग मशीन (10 एंड्स प्रति बेसिन), विंडो क्लोज्ड टाइम री-रीलिंग मशीन (5 एंड्स प्रति विंडो), स्मॉल रील पर्मिएशन सेंटर, 600 ग्राम कैपेसिटी व 0.01 ग्राम सेंसिटिविटी युक्त इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस से भी युक्त होगा। जबकि, 7.5 केवीए कैपेसिटी युक्त जेनरेटर, 100 किलोग्राम स्टीम आउटपुट प्रति घंटे की कैपेसिटी युक्त तथा आईबीआर क्वॉलिटी युक्त ब्वॉयलर तथा 100 किलोग्राम रेजिन कैपेसिटी से परिपूर्ण वाटर सॉफ्टनर जैसे कॉम्पोनेंट्स भी रहेंगे। इन सभी कॉम्पोनेंट्स के माध्यम से रेशम उत्पादन के लिए जरूरी कोकून एक्सट्रैशन, प्रोसेसिंग और रीलिंग प्रक्रिया को अंतिम स्टेज में ले जाया जाएगा।