ब्रज में राधाष्टमी की धूम कड़-कड़ में रम चुकी है। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव के 15 दिन बाद ब्रज में बड़ा उत्सव मनाया जा रहा है। वृंदावन और बरसाना, दोनों जगहों पर करीब 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। बरसाना में राधा रानी को ब्रह्म मुहूर्त में 11 क्विंटल पंचामृत से अभिषेक किया गया। फिर श्रृंगार और 50 लाख से ज्यादा कीमत के आभूषण पहनाकर उनका शृगार किया गया।
राधा रानी के जन्म उत्सव पर बरसाना में श्रीकृष्ण के गांव नंदगांव से गोस्वामी पहुंच रहे हैं। गीत गाते हुए राधारानी का जन्म उत्सव मना रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसे ‘समाज गायन’ कहते हैं।
बुधवार तड़के 3 बजे श्रीजी मंदिर के गर्भ गृह में मूल शांति पूजन हुआ। करीब 1 घंटे तक चले इस पूजन में राधा रानी के मूल शांत किए गए, क्योंकि मान्यता है कि राधा रानी का जन्म मूल नक्षत्र में हुआ था।
मूल शांति पूजन के बाद लाडली जी (राधा रानी) के श्री विग्रह को जगमोहन (गृभग्रह के आगे का हिस्सा) में लाया गया। जहां वैदिक मंत्र बोले जा रहे थे। मंदिर के पुजारी संजू गोस्वामी ने अभिषेक किया। राधा रानी का 27 कुओं के जल, ब्रज के 27 स्थानों की रज, 27 वृक्ष के पत्तों और 108 तरह की जड़ी बूटियों से मिश्रित जल से अभिषेक किया गया।
इसके बाद लाडली जी का महाभिषेक शुरू हुआ। मंदिर के पुजारी ने 11 घड़ों में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से मिश्रित पंचामृत से महाभिषेक किया। इसमें से एक घड़े में 27 छेद किए गए थे। 11 क्विंटल पंचामृत से 1 घंटे तक अभिषेक चला। इस मौके पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
महाभिषेक के बाद 30 मिनट के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इस दौरान राधा रानी का श्रृंगार किया गया। राधा रानी को मथुरा और फर्रुखाबाद के कारीगरों द्वारा तैयार रेशम के धागे से जरी और जरदोजी के काम की हुई पीले रंग की पोशाक धारण कराई गई।
इसके साथ ही उनको 50 लाख से ज्यादा कीमत के आभूषण पहनाए गए। इन आभूषणों में 22 लाख रुपए कीमत का वह हार भी था, जिसे दिल्ली के एक भक्त ने राधा अष्टमी के लिए दान किया था।
राधा अष्टमी पर बरसाना में बेहद ही आकर्षक सजावट की गई। यहां कोलकाता के कारीगरों ने 51 स्वागत द्वार बनाए। जिन पर लाइट के जरिए भगवान की लीलाओं को दर्शाया गया। श्रीजी मंदिर पर की गई लाइटिंग बेहद आकर्षक थी। दूर से राधा रानी का महल बहुत भव्य नजर आ रहा था।
राधा अष्टमी के अवसर पर वृंदावन में बड़ी शोभायात्रा निकाली गई। यहां के प्रसिद्ध राधा बल्लभ मंदिर के अलावा सूरदास आश्रम से भक्तों ने राधा रानी के जन्म की खुशी में नगर में बधाई गायन किया। भक्त बैंड बाजों की धुन के बीच राधा प्यारी ने जन्म लियो है गाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा शहर के विभिन्न रास्तों से होकर निकली।