यूपी के हाथरस में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मुलाकात की। बता दें कि राहुल गांधी शुक्रवार को अलीगढ़ पहुंचे और फिर पिलखना गांव में प्रभावित हुए लोगों से बातचीत की। बातचीत के बाद पीड़ित परिवार के सदस्यों ने राहुल गांधी ने उनसे क्या कहा संदर्भ में बताया कि, उन्होंने उनसे कहा कि वह पार्टी की तरफ से हमारी मदद करेंगे… फिर उन्होंने हमसे पूछा कि वह घटना कैसे घटी।
पीड़ित परिवार ने कहा कि राहुल ने उनसे कहा है कि वे पार्टी की तरफ से उनकी मदद करेंगे। पर उन्होंने, उन्हें ये नहीं बताया कि वे उनकी किस तरह से या किस रूप में मदद करेंगे लेकिन ये कहा है कि मदद करेंगे। फिर पीड़ित परिवार ने कहा कि उनसे राहुल ने घटना के बारे में पूछा कि, घटना कैसे हुई, उस समय माहौल क्या था। इसपर पीड़ुत परिवार ने दावा करते हुए कहा कि जिस समय यह घटना हुई उस समय प्रशासन मौजूद नहीं था।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा की राहुल गांधी ने हाथरस हादसे के पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें आश्वासन और हिम्मत दिया। बता दें कि हाथरस के धार्मिक कार्यक्रम में हुए भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग बहुत ज्यादा घायल भी हो गए जिनका इलाज फिलहाल चल रहा है।
यूपी के हाथरस भगदड़ कांड के संदर्भ में अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी और सेवादारों पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह भी बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त और मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है। और जल्द ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी होने वाला है।
बहुत सारे परिवार हाथरस भगदड़ से प्रभावित हुए हैं और कई लोग मारे भी गए हैं। मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहता हूँ। सिस्टम में कमियां रही हैं, मुझे लगता है कि उन्हें अधिक मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि ये बहुत गरीब परिवार से हैं। मैं यूपी के सीएम से खुले दिल से मुआवजा देने का अनुरोध करता हूं। उन्हें अभी इसकी बहुत जरूरत है, ऐसे में जल्द से जल्द और मुआवजा दिया जाना चाहिए। परिवार के सदस्यों ने कहा कि पुलिस व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी।”
इसी के साथ राहुल ने हाथरस में पीड़ितो के परिजनों से मुलाकात करने के बाद मुआवजा और पुलिस प्रशासनिक प्रबंध की अनदेखी का मुद्दा भी उठाया।