बदायूं जिले के बिसौली में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां छोलाछाप डॉक्टरों के अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की है। स्वास्थ्य विभाग की इस छापेमारी से बिसौली नगर में हड़कंप मच गया है। जैसे ही भनक लगी कि स्वास्थ्य विभाग की टीम आ रही है, झोलाछाप डॉक्टर अपने अस्पतालों के शटर गिराकर रफूचक्कर हो गये।
इस वक्त जिले के बिसौली नगर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार हो गई है, जिससे आए दिन मरीजों की मौतें हो रहीं हैं। जिनपर कार्रवाई करने के लिए सीएमओ ने तहसील क्षेत्रवार एक टीम गठित कर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। ये सभी नोडल अधिकारी झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई कर, हो रही ज्यादा मौतों की रोकथाम कर सकें। डॉक्टर फिरासत हुसैन को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
बिसौली क्षेत्र के टीम प्रभारी डॉ. फिरासत हुसैन ने बिसौली नगर के गौड हैल्थ केयर और अल्ट्रासाऊंड सेंटर पर छापेमारी की। जहां एक ललुआ नगला गांव की महिला का डिलीवरी केश मिला है। पूछताछ कर उसके स्वास्थ की जानकारी ली। वहां पर मौजूद कंपाउंडर के अलावा कोई डॉक्टर नहीं मिला। झोलाछाप डॉक्टर अल्ट्रासाउंड सेंटर भी बंद कर भाग गए।
आपको बता दें कि गौड़ हैल्थ केयर पहले भी शील हो चुका है। लेकिन ऊपर पहुंच की वजह से इसको फिर से चालू करा दिया गया। गौड़ हैल्थ केयर संचालित कर रहे डॉक्टर के पास न तो कोई डिग्री है और इनका रजिस्ट्रेशन है। ये लोग कभी कृष्णा हेल्थ केयर के नाम से चलाते हैं, तो कभी गौड़ हेल्थ केयर के नाम से चलाते हैं। यहां इस कदर लापरवाही बरती जाती है कि कंपाउंडर तक ऑपरेशन कर देते हैं। उनके कागजों में किसी और डॉक्टरों का नाम लिखा होता है जो कभी आते ही नहीं।
बिसौली क्षेत्र के टीम प्रभारी डॉ. फिरासत हुसैन ने अस्पताल संचालक को तीन दिवस में पेपर दिखाने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने गेट पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि अगर तीन दिन में कागजात नहीं दिखाये तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
बदायूं से संवाददाता विजयभान सिंह की रिपोर्ट।