इटावाः रेलवे विभाग की लचर व्यवस्था के चलते 42 डिग्री सेल्सियस तापमान और तपती गर्मी के बीच स्टेशन पर सफर करने वाले यात्रियों को ठंडे पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। यात्रियों को पानी पीने के लिए घण्टों लाइन में लगना पड़ता है। यात्रियों को रेलवे की लचर व्यवस्थाओं के बीच अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूरन पैसे खर्च कर प्राइवेट स्टालों से पानी ख़रीदना पड़ रहा है। हमारी टीम जब 42 डिग्री सेल्सियस के गर्म तापमान के बीच इटावा रेलवे जंक्शन पर यात्रियों के लिए निशुल्क ठंडे पानी की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंची। तो धरातल पर जो तस्वीरें दिखाई दी वो रेलवे के दावे के बिलकुल उलट नजर आई। वहीं जंक्शन पर मौजूद लोगों ने जो बयान दिए वो वाकई हैरान करने वाले थे।
यात्रियों की भीड़ से खचाखच भरे प्लेटफॉर्म पर छाया के लिए टीन शेड जरूर पड़े हैं, लेकिन यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए रेलवे की जो व्यवस्थाएं दिखी वो नाकाफी थी। अधिकतर प्लेटफॉर्म पर वाटर प्वाइंट से गर्म पानी आ रहा है। वहीं जिन प्वाइंटस से जैसे तैसे पानी आ भी रहा है वो प्वाइंट दम तोड़ते दिख रहे थे। जिसमें पानी इतनी धीमी गति से आ रहा है कि बोतल भरने में काफी समय लग रहा है। तमाम यात्रियों ने रेलवे की अव्यवस्थाओं को बताते हुए रेलवे प्रशासन से आम यात्रियों के लिए ठंडे पीने के पानी की व्यवस्था को दुरस्त कराने की मांग की है। रेलवे और IRCTC द्वारा प्लेटफॉर्म पर जो वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई थी अब जो मशीनें भी जंग खा रही हैं। आरोप है कि प्लेटफॉर्म पर अगर पीने के पानी की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहेगी तो प्राइवेट पानी के स्टॉलों पर बिक्री नहीं होगी। इसलिए रेलवे पीने के पानी की व्यवस्था सुचारू नहीं करता। जिससे आम लोगों को पीने के पानी के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है।
इटावा से संवादादाता सनत तिवारी की रिपोर्ट