भारतीय ट्रेनों में भीड़ का रिस्ता चोली और दामन जैसा है और हो भी क्यों न जब रेलवे हर भारतीय के लिए परिवहन का अहम हिस्सा हो तो। पर इससे हानि यह है कि ट्रेन के टिकट की माहामारी हमेशा बनी रहती है। जिसको ध्यान में रखकर कम दूरी के रूटों पर भी फास्ट ट्रेन चलाने की योजना रेलवे बना रही है। इससे दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकती है।
अन्य प्रीमियम ट्रेनों से बोझ कम करने के लिए रेलवे ने उठाया ये कदम
बता दें कि लंबी दूरी की फास्ट, सुपरफास्ट और प्रीमियम ट्रेनों पर यात्रियों का दबाव घटाने के लिए रेलवे कम दूरी की फास्ट ट्रेनों का संचालन करेगा। बरेली में इसके लिए चार रूटों को पहले ही चिह्नित कर लिया है। जहां रेलवे पहले इन रूटों पर सर्वे कराएगा और इसके बाद प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास भेजा जाएगा।
ट्रेनों में टिकट की मारामारी से लोग परेशान
लंबी दूरी की ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलना बहुत मुश्किल खासकर त्योहारों के दौरान खासकर त्योहारों के दौरान होता है। ऐसे में 250 से 300 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। वहीं रेलवे में सबसे ज्यादा समस्या दिल्ली, बरेली, लखनऊ, देहरादून के साथ-साथ छठ पूजा में बिहार के लिए जाने वाली गाड़ियों में इतने यात्री रेल के डब्बों में भरे हुए होते हैं जितने की कैपिसेटी के लिए रेलवे ने कोच बनाया ही नहीं है। वहीं इन रूटों पर पड़ने वाले बड़े स्टेशन औद्योगिक गतिविधियों के लिहाज में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं दैनिक रुप से यात्री भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते जाते रहते हैं।
बता दें कि छोटी दूरी की फास्ट ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे ने बरेली-दिल्ली, बरेली-लखनऊ, बरेली-देहरादून, बरेली-आगरा रूटों को चिह्नित किया है। इसके आधार पर आगे काठगोदाम-लखनऊ, लालकुआं-लखनऊ रूटों पर भी छोटी दूरी की फास्ट ट्रेनों के संचालन के लिए भी सर्वे कराया जाएगा।
सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने कहा कि निकट भविष्य में छोटी दूरी की फास्ट ट्रेनों का संचालन सफलता पूर्वक किया जाएगा। इससे लंबी दूरी की ट्रेनों पर यात्रियों का दबाव कुछ कम होगा। और, आसानी से कन्फर्म टिकट भी यात्रियों को मिल सकेगा। एक बार रूटों का सर्वे कराने के बाद रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी।