यूपी में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए यूपी में चल रहे ‘कैच द रेन’ अभियान को और तेजी देने को कहा है। गौरतलब है कि यह अभियान2019 से प्रत्येक वर्ष मार्च-अप्रैल से नवंबर तक चलता है। ये अभियान इस वर्ष अपने पांचवे चरण में पहुंच चुका है।
इस अभियान के तहत पारंपरिक जल निकायों, जल-स्त्रोतों का नवीनीकरण और पुन: उपयोग, बोलवेल पुमर्भरण वाटरशेड का विकास, गहन वनारोपण, छोटी नदियों के कायाकल्प के साथ ही ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ के थीम पर जन जागरूकता कार्यक्रम, जिलों की हाइड्रो जियोलॉजिकल परिस्थिति के अनुसार जल संचयन संबंधी अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।
इसके साथ-साथ जिलों के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय भवनों पर अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली (RTRWH) की स्थापना कराने के के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देश हैं कि जिलों के सभी अमृत सरोवरों के जल प्रवाह में आ रही रुकावट को ठीक किया जाए।
18 जून तक मिली रिपोर्ट के तहत जिलों के शासकीय और अर्द्धशासकीय भवनों पर अनिवार्य रूप से रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रणाली (RTRWH) की स्थापना कराने के मामले में पीलीभीत, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और गोंडा क्रमश: टॉप फाइव में आते हैं। यहां 100 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं अमृत सरोवरों के रखरखाव में गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, आजमगढ़ और बाराबंकी क्रमश: टॉप फाइव जिले हैं। यहां अमृत सरोवरों में सिल्ट और वनस्पतियों को साफ कराने का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही निर्माणाधीन अमृत सरोवरों के कार्य को भी पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने हाल ही में ‘कैच द रेन अभियान 2024’ की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है कि यह योजना केंद्र और योगी सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में मानसून के शुरुआत से पहले प्राथमिकता के आधार पर जल स्रोतों जैसे तालाब, कृत्रिम पुनर्भरण संरचना, छोटी नदियां, चेकडैम, जल निकाय के डिसिल्टिंग और पुनरुद्धार के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, जिससे कि वर्षा ऋतु में अधिकाधिक वर्षा जल का संचयन हो सके और जल शक्ति अभियान को सार्थकता प्रदान की जाए।
योगी ने इस बात के भी निर्देश दिए हैं कि जनपदों के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय भवनों यथा कार्यालय भवन, प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन आदि पर प्राथमिक रूप से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना सुनिश्चित हो। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में आने वाले समस्त पार्क और सार्वजनिक स्थलों में वर्षा जल संचयन के प्रभावी उपाय किये जाएं।
इसके साथ-साथ ‘कैच द रेन 2024’ विषय पर जन जागरूकता के लिए स्कूली बच्चों एवं समाज में विशेष अभियान, रैलियां, गोष्ठियां, वार्ता आदि का भी आयोजन कराया जाए, जिससे जल संरक्षण एक जन आंदोलन के रूप में उभरे और सार्थक हो सके। जिसके लिए सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।