LS Election 2024: अनुप्रिया पटेल के बयान के बाद प्रतापमढ़ के कुंडा से विधायक राजा भैया ने सपा को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के प्रतापगढ़ जिले के अध्यक्ष ने कहा कि आज हजारों कार्यकर्ता अखिलेश यादव के जनसभा में भाग लेंगे। बता दें कि इससे पहले राजा भैया ने कहा था कि वे किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं, जनता जिसे चाहे उसे आशीर्वाद दें।
3 दिन पहले केंद्रीय मंत्री और NDA में शामिल अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया के गढ़ कुंडा में रैली करके समीकरण बिगाड़ दिए। रैली में दिया उनका बयान- कोई भी राजा लोकतंत्र में रानी के पेट से पैदा नहीं होता, राजा भैया को चुभ गया। इसके बाद वह अखिलेश यादव के नजदीक हो गए।
अभी 4 मई को राजा भैया ने बेंगलुरु में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की था, ऐसे में ये कयास लगाए जाने लगे थे कि राजा भैया भाजपा का समर्थन कर सकते हैं। कयास इसलिए भी लगाए गए क्योंकि राज्यसभा चुनाव में भी राजा भैया और उनकी पार्टी (जनसत्ता दल लोकतांत्रिक) के विधायक ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था।
अनुप्रिया पटेल ने कुंडा की रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि- लोकतंत्र में राजा EVM से पैदा होता है। कुंडा किसी की जागीर नहीं। यह कुंडा की जनता ने बता दिया है। देश संविधान से चलता है, न कि किसी हुकूमत से। आगे उन्होंने कहा कि आज भाजपा की सरकार में गुंडा माफिया डर रहे हैं। योगी सरकार में पूरा प्रदेश अपराध मुक्त होने की राह पर है। आज व्यापारी जहां खुशहाल है। वहीं गुंडा टैक्स मांगने वाले लोग या तो जेल में हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग चुके हैं।
अनुप्रिया के बयान पर पलटवार करते हुए राजा भैया ने 20 मई को मीडिया के लोगों से कहा था कि- EVM से राजा नहीं, जनप्रतिनिधि पैदा होता है। उसकी उम्र सिर्फ 5 साल होती है। यदि, EVM से पैदा होने वाले लोग स्वयं को राजा मान लेंगे, तो लोकतंत्र की मूल भावना ही खत्म हो जाएगी।
राजा भैया अमित शाह से 4 मई को बेंगलुरु में मिले थे। दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक होटल के बंद कमरे में बातचीत भी हुई थी। इस संदर्भ में राजा भैया ने कहा कि गृहमंत्री ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। मैंने उनसे कहा कि मैं मित्रता का धर्म पिछले कई साल से बिना किसी शर्त के निभा रहा हूं। जितना हो सका, मैंने भाजपा की मदद की है। शाह ने इसपर उनसे कहा कि ये रिश्ता आगे कायम रहेगा और मजबूती से आगे बढ़ेगा।
अठावले ने 23 मई को इस संदर्भ में कहा कि- राजा भैया का बैकग्राउंड पूरे यूपी की जानता को पता है। कुछ गुंडे लोग को भी वोट मिलते हैं। ये लोगों को डराकर-धमकाकर और गुमराह कर वोट लेते हैं। ऐसे कई लोग चुनकर दिल्ली भी जाते हैं। पर वोट लेने से कोई राजा नहीं बन जाता, हाँ नाम का राजा हो सकता है। अनुप्रिया पटेल ने जो भी बोला है, वह सही है।
बता दें कि राजा भैया का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रतापगढ़ और कौशांबी संसदीय सीटों पर है। कौशांबी में मतदान हो चुका है, प्रतापगढ़ में 25 मई को मतदान अभी होना है। इन दोनों ही सीटों पर राजा भैया की पार्टी ने अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान पर नहीं उतारे हैं। इसके अलावा 3 और सीटें भदोही, मिर्जापुर, प्रयागराज पर भी राजा भैया का अच्छा-खासा प्रभाव रहा है। राजा भैया का सपा के साथ खुलकर सहयोग देने से प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर और प्रयागराज में भाजपा का चुनावी समीकरण काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि राजा भैया 6 बार निर्दलीय विधायक रहे हैं और राजा भैया ने 30 नवंबर, 2018 को अपनी पार्टी जनसत्ता दल बनाई। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जनसत्ता दल ने प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह और कौशांबी से शैलेंद्र कुमार को चुनावी जंग में उतारा। लेकिन उनके दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गए थे। फिर पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए जिसमें राजा भैया समेत दो और उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।