लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) शहर के 11 प्रमुख चौराहों की री-मॉडलिंग पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस परियोजना में चौराहों की रोटरी और आईलैंड को नए सिरे से डिज़ाइन करने के साथ-साथ यातायात सुगमता के लिए कई उपाय किए जाएंगे। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देशन में चौराहों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है।
यातायात बाधाओं का होगा निवारण
चौराहों की री-मॉडलिंग में ट्रैफिक सिग्नल, विद्युत पोल, बूथ आदि को यातायात के मार्गदर्शन के लिए प्रत्यावर्तित किया जाएगा। इसके साथ ही अवैध अतिक्रमण और पार्किंग को हटाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
इंडियन रोड कांग्रेस मानकों पर आधारित सुधार
परियोजना के तहत रोटरी और आईलैंड को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। सुरक्षा और यातायात सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, पीक आवर्स में भी सुगम यातायात सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्य चौराहों की री-मॉडलिंग
- नरौरा जंक्शन: इस चौराहे पर रोटरी का निर्माण होगा ताकि ट्रैफिक प्रबंधन सुगम हो सके। स्पीड टेबल और रंबल स्ट्रिप्स का निर्माण भी होगा।
- कोनेश्वर चौराहा: यहाँ अस्थायी बूथ और अवैध पार्किंग को हटाया जाएगा। चौराहे के सुंदरीकरण के लिए अवध संस्कृति को दर्शाने वाली प्लेस मेकिंग की जाएगी।
- डालीगंज तिराहा: रोटरी को फिर से डिज़ाइन किया जाएगा ताकि दोनों दिशाओं के लिए यू-टर्न की सुविधा मिल सके।
अन्य प्रमुख चौराहों का कायाकल्प
- आगरा एक्सप्रेस-वे के पास स्थित नरौरा चौराहा
- चौक स्थित कोनेश्वर चौराहा
- सर्वोदय नगर तिराहा
- डालीगंज तिराहा
- मवैया चौराहा
- एवररेडी तिराहा
- आई०आई०एम० रोड-ग्रीन कॉरिडोर तिराहा
- आलमबाग तिराहा
- विभूतिखण्ड स्थित मधुरिमा तिराहा
- पिकेडली तिराहा
- कृष्णानगर चौराहा
लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस पहल का उद्देश्य शहरवासियों को दशकों पुरानी ट्रैफिक जाम की समस्या