अगर आप रेडीमेड सब्जी मसाले का यूज करते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अशोक-गोल्डी समेत 16 नामी गिरामी कंपनियों के मसालों के सैंपल मानकों के विपरीत मिले हैं। मतलब इन कंपनियों के मसाले खाने योग्य नहीं हैं। इसके बाद इन मसालों के छोटे पाउचों पर रोक लगा दी गई है।
इनको ध्यान से देखेंगे तो वही नामी गिरामी कंपनियों के मसाले हैं जिन्हें आप महंगे दामो में खरीद कर बड़े चाव के साथ अपने खाने में इस्तमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको इस बात का पता है कि जिस मसाले का यूज वो अपने स्वाद के लिए कर रहे हैं ये उनकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हैं। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने कानपुर स्थित इन मसाला कंपनियों पर छापेमारी की।
इसके सैंपल जांच के लिए भेजे। रिपोर्ट में ज्यादातर मसाले मानकों पर खरे नहीं उतरे। एफएसडीए के मुताबिक कानपुर स्थित 16 कंपनियों के अलग-अलग 33 सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे। जिसमें 23 सैंपल खाद्य विभाग के मानकों के विपरीत पाए गए। जिसमें से कई प्रोडक्ट तो खाने योग्य ही नहीं हैं। मसालों में पेस्टीसाइड और कीटनाशक की मात्रा काफी अधिक पाई गई है। कई सेंपल में तो कीड़े तक मिले हैं।
एफएसडीए ने बताया कि 16 सैंपल में खतरनाक कीटनाशक और 7 में माइक्रो बैक्टीरिया मिले हैं। बड़े पैकेटों पर रोक लगाने के लिए इंतजार करना होगा लेकिन इन कंपनियों के छोटे पाउचों पर रोक लगा दी गई है।
ये पहला मामला है जब इतनी बड़ी मात्रा में किसी खाद्य पदार्थ में जानलेवा बैक्टीरिया पाए गए हैं। इन मसालों में कार्बेंडाजिम भी मिला है। जिनका इस्तेमाल फफूंदी नियंत्रण के लिए किया जाता है। इसके सेवन से शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसे में लोगों को पैकिंग मसालों के उपयोग में सावधानी बरतनी होगी, अन्यथा आपकी सेहत खराब हो सकती है।