STF ने यूपी में समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) के पेपर लीक मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। STF ने खुलासा करते हुए कहा कि परीक्षा का पेपर भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था और यहीं से पेपर लीक हुआ था। जिसमें प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से राजीव नयन मिश्रा ने पेपर लीक करवाया था।
10 से 12 लाख रुपए लेकर पेपर रटवाया गया
अभ्यर्थियों से 10-12 लाख रुपए लेकर भोपाल के एक होटल में पेपर रटवाया गया था। इस संदर्भ में STF ने भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी सहित 6 लोगों को प्रयागराज से अरेस्ट किया है। बता दें कि STF अब तक इस मामले में 16 लोगों को जेल भेज चुकी है।
11 फरवरी को वायरल हुआ था पेपर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 11 फरवरी, 2024 को RO-ARO (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) की प्रारंभिक परीक्षा कराई थी। लेकिन कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही उसका प्रश्नपत्र वायरल हो गया था।
यूपी सरकार ने परीक्षा निरस्त करके, मामले की जांच STF को सौंप दी है। जिसके तहत STF ने 100 से अधिक नंबर सर्विलांस पर लगाए हैं। पेपर भोपाल में प्रिंट हुआ था, तो ऐसे में प्रेस के प्रत्येक कर्मचारी का कॉल डेटा रिकॉर्ड यानी CDR निकाला गया। टीम भोपाल पहुंची तो पता चला कि पेपर लीक का मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा उस समय अपने गैंग के साथ भोपाल में ही उपस्थित था।
ऐसे में STF का शक सच में परिवर्तित हो गया कि इसी गैंग ने प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी से पेपर लीक करवाया है। फिर, सुनील रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जहां उसने शुरुआत में पहले तो आनाकानी की। पर, सख्ती से पूछताछ करने पर अपना जुर्म कबूल कर लिया और संबंधित मामले में संलिप्त आरोपियों के नाम भी सुनील ने बताए। ऐसे में STF ने खोजकर 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ की थी आरोपियों ने पढ़ाई
STF जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के नंबरों के बीच बातचीत के सबूत भी प्राप्त हुए हैं। जिसमें पता चला कि प्रयागराज का राजीव नयन मिश्रा, बिहार के सुभाष प्रकाश, प्रयागराज के विशाल दूबे और भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में कार्यरत कर्मी सुनील रघुवंशी अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करते थे, लेकिन वे एक-दूसरे से परिचित थे। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़ चुके थे।
सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर है। सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करता है। सुनील की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपते हैं। यह जानकारी विशाल दुबे ने राजीव नयन और सुभाष प्रकाश को दी। फिर सभी ने पेपर लीक की प्लानिंग की।
पहले विशाल को बताया RO-ARO पेपर
सुनील रघुवंशी ने विशाल दुबे को बताया कि RO-ARO का प्रश्नपत्र छप रहा है, जिसके एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न हैं। दूसरे में 40 प्रश्न हैं। राजीव नयन, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार किया। उसने 10 लाख रुपए की मांग की। प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाने की शर्त रखी। राजीव नयन, विशाल दुबे और सुभाष तैयार हो गए।
कैसे हुआ पेपर लीक
प्रिंटिंग के दौरान प्रश्नपत्र में स्याही लगने पर उसे छांटकर अलग रख दिया जाता है। फिर बाद में इसे कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। 3 फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के समय वहीं मौजूद था। मौका पाकर उसने एक स्याही लगा प्रश्नपत्र अपने पानी पीने की बोतल में छिपा लिया और उसे बाहर लेकर चला गया।
उसने विशाल दुबे को फोन किया। फिर विशाल, राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को होटल में बुलाया। फिर सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर अभ्यर्थियों को सौंप दिया। जिसके लिए हर अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपए की मांग की गई थी।
भोपाल के होटल में रटाया पेपर
सॉल्वर गैंग ने भोपाल के कोमल होटल में अभ्यर्थियों को पेपर रटवाया था। सबसे पहले विशाल दूबे अपने साथ संदीप पांडेय को ले गया। फिर सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 6-6 फोटो कॉपी कराकर वहां पहुंचा। सुभाष प्रकाश ने गाइड और मोबाइल से पेपर को सॉल्व कराया और वहां मौजूद अभ्यर्थियों को रटवाया गया। विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा भी अभ्यर्थी लेकर आए थे।
सुभाष प्रकाश ने खुद भरा था फॉर्म
सुभाष प्रकाश ने RO/ARO पेपर का फॉर्म स्वयं भी भरा था। विशाल और सुभाष ने अपने मोबाइल से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल को प्रश्न पत्र भेजा था। जिसके सबूत सुभाष के आईफोन के वॉट्सऐप चैट से मिले हैं। ये वही प्रश्नपत्र हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
जेल में बंद राजीव नयन ने पेपर गैंग के सदस्यों- शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, अरुण कुमार सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर और अन्य एजेंटों को भेजकर पढ़ावाया, जो वायरल हो गया। राजीव की एक परिचित शिवानी भी इस गैंग में शामिल है।
मास्टरमाइंड राजीव नयन?
राजीव नयन मूल रूप से प्रयागराज के थाना मेजा के अमोरा गांव का निवासी है। राजीव ने भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। फिर उसने नौकरी नहीं की और भोपाल में ही करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी का ऑफिस खोल लिया।
आगे चलकर उसने ज्यादा पैसा कमाने के लिए परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कुछ लोगों से हाथ मिला लिया। लेकिन बाद में वह खुद गिरोह का सरगना बन गया। वह पहले NHM और यूपी TET पेपर लीक में शामिल हुआ और खूब पैसा कमाया।
इन दोनों मामलों में राजीव नयन जेल गया। वहीं उसकी दोस्ती रवि अत्री से हुई। फिर दोनों ने मिलकर RO-ARO और पुलिस भर्ती के पेपर लीक कांड को अंजाम दिया। फिलहाल, राजीव नयन को भी एक महीने पहले मेरठ से गिरफ्तार किया गया और अब वह जेल में है।
प्रयागराज के कॉलेज से भी हुआ था पेपर लीक
RO/ARO का पेपर प्रयागराज के विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज से भी लीक हुआ था। इसे सेंटर बनाया गया था। परीक्षा देखने वाले विनीत यशवंत ने पेपर सॉल्वर गैंग को दिया था। विनीत से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ भोपाल प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंची।
एसटीएफ प्रयागराज के राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल, अभिषेक शुक्ला, लखनऊ के सौरभ शुक्ला, डॉक्टर शरद सिंह पटेल, प्रतापगढ़ के अरुण कुमार सिंह, गोंडा के अमित सिंह, प्रयागराज के अर्पित विनीत यशवंत, गौतमबुद्धनगर के रवि अत्री, हरियाणा के विक्रम पहल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।