राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत अपने पांच दिवसीय काशी प्रवास के बाद मंगलवार सुबह लखनऊ पहुंचे। वह सुबह करीब साढ़े छह बजे ट्रेन से लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से सीधे राजेंद्र नगर स्थित भारती भवन पहुंचे। यहां उन्होंने संघ के अवध प्रांत के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जो सुबह 7 बजे से 9 बजे तक चली।
बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष 2025 की तैयारियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। साथ ही ऐसे पुराने व वरिष्ठ स्वयंसेवकों से भी संवाद किया गया, जो पिछले कुछ समय से निष्क्रिय हो गए थे। इस पहल को संघ नेतृत्व ने ‘मन ठीक संवाद’ नाम दिया है, जिसका उद्देश्य इन कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करना है।
बैठक के बाद डॉ. भागवत लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए। वहां वह कबीरधाम पहुंचेंगे और कबीरपंथी संत असंग देव महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। असंग देव पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में लाखों अनुयायियों के आध्यात्मिक गुरु माने जाते हैं। भागवत की यह मुलाकात संघ के संत समाज में संपर्क और समरसता अभियान का हिस्सा मानी जा रही है।
‘संघ समाज के लिए क्या नया करे’, इस पर हुआ मंथन
भारती भवन में हुई बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि संघ आगामी वर्ष में समाज के लिए कौन-से नए अभियान शुरू कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, संघ अक्टूबर-नवंबर 2025 में एक बड़ा जनसंपर्क अभियान शुरू करेगा, जिसमें संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर समाज का आभार व्यक्त किया जाएगा और संगठन के इतिहास को घर-घर पहुंचाया जाएगा।
काशी प्रवास के दौरान भी मोहन भागवत ने कई प्रमुख संतों से मुलाकात की थी। अब उनके नेमिषारण्य जाने की संभावना भी जताई जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसके बाद उनका कानपुर और ब्रज प्रांत का दौरा प्रस्तावित है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह यात्रा केवल धार्मिक संपर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि संघ के सांगठनिक विस्तार और सामाजिक रणनीति का हिस्सा भी है। संघ प्रमुख इससे पहले 2022 और 2023 में भी लखनऊ आ चुके हैं। उनके हर दौरे में संगठनात्मक मजबूती और विचार विमर्श प्राथमिक रहा है।
संघ प्रमुख के दौरे के साथ-साथ लखनऊ में मंगलवार को RSS के आर्थिक समूह की बैठक भी आयोजित की गई। यह बैठक निराला नगर स्थित संघ कार्यालय में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, और राज्य सरकार के आर्थिक विभागों से जुड़े मंत्री भी शामिल हुए।
बैठक में संघ परिवार से जुड़े संगठनों ने आर्थिक समूह से संबंधित विषयों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया। यह बैठक संघ और सरकार के बीच नीतिगत समन्वय और आर्थिक रणनीति को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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