प्रयागराज महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र नहीं रहा, बल्कि इसने लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति (Financial Condition) को भी बदल दिया। इस महाकुंभ ने छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और नाविकों के जीवन में आर्थिक समृद्धि (Economic Prosperity) की नई लहर पैदा की।
इसी बदलाव की कहानी है प्रयागराज के अरैल इलाके में रहने वाले नाविक पिंटू महरा (Boatman Pintu Mehra) की, जिसने महाकुंभ के दौरान 130 नावों से 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उनकी सक्सेस स्टोरी (Success Story) का जिक्र किया, जिससे यह प्रेरणादायक कहानी चर्चा का विषय बन गई।
1. गहने बेचकर खरीदी नाव, बना करोड़पति
पिंटू महरा के परिवार की आर्थिक स्थिति पहले बहुत खराब थी। उनके पिता की मृत्यु के बाद घर की महिलाओं को अपने गहने बेचने पड़े, जिससे उन्होंने कुछ नावें खरीदीं। 2019 में हुए कुंभ मेले से उन्हें यह अंदाजा हो गया था कि आने वाला महाकुंभ उनके जीवन को बदल सकता है।
2. 130 नावों से 30 करोड़ रुपये की कमाई
पिंटू महरा पहले से 60 नावों का संचालन कर रहे थे, लेकिन 2025 के महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 70 और नावें खरीदीं। इस तरह, 130 नावों के साथ उन्होंने महाकुंभ में अपनी सेवाएं दीं और 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की।
3. परिवार की बदली किस्मत
इस ऐतिहासिक कमाई से पिंटू महरा का पूरा परिवार अब आर्थिक रूप से मजबूत (Financially Strong) हो गया है। उनकी मां शुक्लावती देवी बताती हैं कि जब उनके पति का निधन हुआ, तब आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। लेकिन, महाकुंभ उनके लिए संकटमोचक बनकर आया और अब उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ सकेंगे।
पिंटू महरा और उनके परिवार का कहना है कि योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों से यह महाकुंभ इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बना। इस भव्य आयोजन से न केवल पिंटू महरा, बल्कि हजारों अन्य नाविक भी लखपति बन गए।
1. महाकुंभ में नाविकों के लिए अवसर
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ (Unprecedented Crowd) आई, जिससे नाविकों को नाव संचालन (Boat Services) से अच्छी कमाई हुई।
कई नाविकों ने कर्ज लेकर नावें खरीदीं और वे भी लखपति बन गए।
2. धार्मिक पर्यटन से आर्थिक समृद्धि
महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसने हजारों छोटे व्यापारियों और नाविकों की जिंदगी बदल दी।
यह आयोजन रोजगार (Employment) का बड़ा स्रोत बना और स्थानीय व्यवसाय (Local Business) को बढ़ावा मिला।
1. कुंभ के दौरान नाविकों की मांग बढ़ी
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने पहुंचे, जिससे नाविकों की मांग तेजी से बढ़ गई। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री (Pilgrims) नावों से संगम में स्नान करने जाते हैं, जिससे नाविकों को भारी मुनाफा हुआ।
2. डिजिटल प्रचार और आधुनिक सुविधाएं
योगी सरकार ने महाकुंभ को “डिजिटल कुंभ” बनाने का निर्णय लिया था, जिससे दुनियाभर के लोग इस आयोजन से जुड़े। इससे प्रयागराज में पर्यटन (Tourism) और स्थानीय व्यापार (Local Business) को जबरदस्त फायदा हुआ।
1. सही अवसर को पहचानना (Identifying Opportunities) – पिंटू महरा ने 2019 के कुंभ से सीख ली और 2025 के महाकुंभ के लिए अग्रिम योजना (Advanced Planning) बनाई।
2. जोखिम उठाने की हिम्मत (Taking Risks) – उन्होंने बड़ी संख्या में नावें खरीदीं और इस जोखिम ने उन्हें करोड़पति बना दिया।
3. सरकारी योजनाओं का लाभ (Using Government Initiatives) – सरकार द्वारा बेहतर आयोजन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा (Promotion of Religious Tourism) देने से स्थानीय लोगों को आर्थिक फायदा हुआ।
प्रयागराज महाकुंभ सिर्फ आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह हजारों लोगों की आर्थिक समृद्धि का जरिया भी बना। पिंटू महरा की कहानी इस बात का उदाहरण है कि अगर सही अवसर पहचाना जाए और मेहनत की जाए, तो कोई भी अपनी किस्मत बदल सकता है। योगी सरकार के प्रयासों से स्थानीय कारोबारियों, नाविकों और दुकानदारों को जबरदस्त फायदा मिला, जिससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सके। महाकुंभ ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजन भी आर्थिक प्रगति (Economic Growth) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।