Bijnor Mafia News: गंगा नदी के कोख को छलनी कर बालू माफिया बालू निकालकर उससे काली कमाई करे जा रहे हैं। जिसके लिए वो पोकलैंड मशीन का प्रयोग कर रहे हैं वहीं उत्तराखंड प्रशासन और यूपी प्रशासन इस मुद्दे पर चु्प्पी बनाए हुए हैं।
जम कर फूल रहा भू-माफियाओं का काला कारोबार
गंगा नदी को अपने लाभ के लिए पूरी तरह से पाताल का रूप दिया जा रहा है जहाँ कई लोगों की जान को खतरा भी बना हुआ रहता है वहीं एक घटना में डंपर सोमवार को गंगा नदी में समा गया था। जहां काफी समस्याओं से सामना करने के बाद बड़े मुश्किल से ट्रक ड्राइवर को बचाया गया। कुछ भाजपा नेताओं के भी सैकड़ों ट्रक चल रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिना ऊपरी पहुंच के, काली कमाई का खेल जारी रह सकता है या इनके आगे जिला प्रशासन नतमस्तक है।
8 महीने से लगातार चल रहा है ये धंधा
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर साल में करीब आठ माह दिन रात लगातार ट्रक चलते हैं तो कितनी कमाई होती होगी। पर मंडावली थाना क्षेत्र की चौकी भागू वाला पर बैठे गाड़ी चेक करने वाले अमीन पूरे दिन कुर्सी पर सोते दिखाई देते हैं। यहां तो दिनदहाड़े गंगा नदी की कोख में चल रही कई पोकलैंड मशीन बालू मौरंग खदान से बिना नंबर प्लेट के निकल रहे ओवरलोड डंफर दिन रात निकलते हैं।
प्रशासन को कोई फिक्र नहीं
बिना रवन्ना व ओवरलोड डंपर व ट्रक उत्तराखंड से होते हुए उत्तर प्रदेश में दौड़ रहे अवैध खनन के बारह व चौदह टाएरा डंपर बिजनौर जनपद में अवैध बालू खनन का धंधा तहसील नजीबाबाद थाना मंडावली क्षेत्र व जिला हरिद्वार के थाना श्यामपुर क्षेत्र में खूब फल फूल रहा है राजनैतिक संरक्षण हासिल किए बालू तस्करों पर न तो पुलिस का भय दिख रहा है न ही प्रशासन का कड़ा रुख अपना रहा है। खनन प्रभावित गांव के लोगों की दहशत देखते ही बनती है। बावजूद इसके जिम्मेदार लोग खनन को लेकर मौन साधे हुए हैं।
ऐसे में आम-जन के हितों का ख्याल रखने का जिम्मा संभाल रहा प्रशासन बालू माफियाओं पर सख्ती आखिर कब बरतेगा। यह सवाल सभी को कचोट रहा है। बालू मोरम खदान में गंगा नदी की जलधारा में उतरकर कई पोकलैंड मशीन अवैध खनन करने से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रही जिसमें एक डंफर गंगा नदी में समाते हुए दिखाई दे रहा है, और ड्राइवर ने बड़ी मुश्किल से गंगा नदी में तैरकर अपनी जान बचाई जिसमें साफ देखा जा रहा है कि कई पोकलैंड मशीनें जलधारा में उतर कर एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। और जलधारा को खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर पर्यावरण से छेड़छाड़ कर रहे है।
बालू माफिया निश्चिंच
बालू माफिया एकदम निश्चिंत होकर बालू खनन कर रहे हैं जबकि जनपद हरिद्वार व बिजनौर बॉर्डर कुत्ता घाट पर पट्टा कहीं है और खनन कहीं पर किया जा रहा है जिसकी वजह से क्षेत्र के किसान भी परेशान हो रहे हैं। बता दें कि बालू माफिया दोनों जिले के स्तरीय अधिकारियों से सेटिंग करके मनमाने तरीके से बालू खनन कर रहे हैं। इस विषय में उप जिला अधिकारी नजीबाबाद से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। खनन अधिकारी खान साहब हरिद्वार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा की जांच करा कर इस संगर्भ में उचित कार्रवाई की जाएगी।
सीसीटीवी कैमरों व धर्मकांटो का भी कोई अता पता नहीं
उत्तर प्रदेश शासन की गाइड लाइन है कि 360 की दक्षता से सभी स्तंभों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। ताकि अवैध खनन की पड़ताल हो सके। वहीं धर्मकांटे में भी 360 दृश्यता के कैमरे लगे हो, ताकि बगल से गुजर रहे ओवरलोड वाहनों पर भी निगरानी हो सके। पर गंगा खदान में नीचे उतर कर देखा गया तो पता चला कि पोकलैंड मशीनों की कतार लगी हुई है और मशीनें गंगा नदी का सीना चीर कर बालू निकाल रही हैं। वहीं सैकड़ो की संख्या में डंपरो कि भीड़ भी लगी हुई है जिसमें लगातार बालू भरा जा रहा है।