2025 में संघ की स्थापना के 100 साल हो जाएंगे। इस उपलक्ष्य में संघ शताब्दी वर्ष मनाने की तैयारी में जुट चुका है जिसमें गुरुदक्षिणा कार्यक्रम भी मनाया जाएगा। बुधवार को राजधानी के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पूर्वी क्षेत्र के चारों प्रांत के पदाधिकारियों की चार दिवसीय बैठक का शुभारंभ हुआ।
आम चुनाव समाप्त होने के साथ ही आरएसएस अपने वार्षिक कार्यक्रमों की तैयारियों में लग चुका है। जिसको ध्यान में रखते हुए पूर्वी क्षेत्र के चारों प्रांत के पदाधिकारियों की चार दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई। इस आयोजन में संघ के 100 साल होने पर तैयारियों का जायजा और रुदक्षिणा कार्यक्रम पर चर्चा हुई। इस बैठक में शाखाओं के विस्तार के साथ दलितों -पिछड़ें वर्ग में वर्चस्व बढ़ाने की भी बात हुई।
बता दें कि राजधानी लखनऊ के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित पहले दिन की बैठक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख स्वांत रंजन ने ली। उन्होंने कहा कि सितंबर से शुरू होने वाले संघ के गुरुदक्षिणा कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर सभी पदाधिकारी अभी जुट जाएं। साल भर संघ परिवार के विस्तार पर फोकस करना होगा।
उन्होंने शताब्दी वर्ष के दौरान संघ परिवार द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ की शाखाओं का विस्तार और प्रचारकों की संख्या बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ ही सामाजिक मेल-मिलाप बढ़ाते हुए दलित-पिछड़ों के बीच मजबूत पैठ बनाने को लेकर अभी बहुत काम करने की हमें जरूरत है। इस बैठक में क्षेत्रीय पदाधिकारियों से भी सुझाव मांगे गए। संघ बैठक के पहले दिन में पूर्वी क्षेत्र के अवध, काशी, गोरक्ष और कानपुर प्रान्त के क्षेत्रीय पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
लोकसभा चुनाव के बाद पहले दौरे पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, बुधवार की शाम लखनऊ पहुंच गए। हालांकि पहले दिन की बैठक में वह मौजूद नहीं रहे। सूत्रों के अनुसार सरकार्यवाह बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय, विभाग और जिला प्रचारकों को संबोधित करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक के समापन के बाद भाजपा और सरकार के साथ समन्वय बैठक भी हो सकती है। जिसमें होसबाले भी शामिल हो सकते हैं।