प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को देश की राजधानी दिल्ली से स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है “कि पूरा देश स्वच्छ हो”। जब देश स्वच्छ होगा तो बीमारियां काफी हद तक कम होगी। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर उन्होंने गांधी जी के चश्मे को स्वच्छता के निशान के रूप में बनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए पूरा देश एकजुट होकर स्वच्छ भारत मिशन पर काम करने लगा। गांव से लेकर शहरों तक नालियों व सड़कों की सफाई होने लगी।
सरकार अच्छा भला पैसा सफाई के लिए स्वच्छ भारत मिशन पर खर्च करती है। सभी ग्राम पंचायतो में सफाई कर्मी नियुक्त किए गए,ताकि ग्राम पंचायत स्वच्छ बने। किन्तु कुछ ग्राम पंचायतो में प्रधान व सचिवों की लापरवाही के चलते सफाई कर्मी नहीं पहुंच रहे हैं व गंदगी से नालिया बज बजा रही हैं। नालियों में गंदगी व कूड़ा होने से बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है।
इस समय डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां काफी तेजी से फैल रही है। यह बीमारियां मच्छरों से होती हैं। नालियों में गंदगी होने के चलते डेंगू, मलेरिया के मच्छर बहुत तेजी से पनप रहे हैं।
सूत्रों का दावा है कि ग्राम प्रधान ने ब्लीचिंग व फागिंग के लिए पिछले दिनों ग्राम पंचायत निधि से पैसे निकाले थे किन्तु कहीं कोई फागिंग नहीं कराई। जिसकी वजह से पूरी ग्राम पंचायत में मच्छर बहुत तेजी से पनपने लगे हैं।
बताते चलें कि पूरा मामला सीतापुर जिले के विकास खण्ड हरगांव की ग्राम पंचायत परसेहरा, शरीफपुर, मजरा, भुर्जीनपुरवा का है। जहां पर ग्राम प्रधान अवधेश वर्मा ने पिछले दिनों फागिंग व ब्लीचिंग आदि के लिए ग्राम पंचायत निधि से पैसा निकाला था,किंतु सूत्रों का दावा है कि पिछले कई महीनो में ग्राम पंचायत में ना तो फागिंग हुई है,और ना ही कहीं ब्लीचिंग डलवाई गई है।
वहीं ग्राम पंचायत में कई नालियां टूटी पड़ी है व नालियों में काफी गंदगी है। नालियों में कूड़ा व गंदगी होने के चलते कीड़े व मच्छर नाली पर बजबजा रहे हैं।ऐसे में बीमारियों के फैलने का खतरा काफी बड़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक खुद सफाई करके लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन इस ग्राम पंचायत में इन दोनों बड़े नेताओं के पाठ का भी कोई असर नहीं पड़ रहा ग्रामीणों ने कई बार मौखिक रूप से ग्राम प्रधान प्रतिनिधि से शिकायत की किन्तु उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से अब बीमारियों के फैलने का खतरा बहुत तेजी से फैल रहा है।
इस सम्बन्ध में खण्ड सहायक विकास अधिकारी आत्म प्रकाश रस्तोगी से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। यदि समय रहते जिम्मेदार कुंभ करण की निद्रा से बाहर नहीं आए तो जल्द ही यह गांव डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है।