बाराबंकी में सरयू नदी की धारा बदलकर बहने से आसपास के इलाकों में कटान शुरू हो गया। कटान के चलते पिछले 3 से 4 दिन में 25 से 30 घर नदी में जलमग्न हो गए हैं और अब लोग या तो सड़क पर तिरपाल डालकर रहने को मजबूर हैं या अपना सामान उठाकर रिश्तेदारों के घर जाने पर मजबूर हैं।
रामनगर तहसील इलाके के ग्राम पंचायत सरसंडा के बबुरी गांव में सरयू नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गांव में कटान तेजी से शुरू होने से गांव में रहने वाले लगभग 25 से 30 घर पूरी तौर से नदी में समा गए। अभी ग्रामीण घाघरा/सरयू नदी के बाढ़ के कहर से संभले नहीं थे की नदी ने कटान शुरू कर दिया लोग अपने घर की गृहस्थी निकाल कर गांव छोड़कर जाने लगे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है की प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। कुछ दिन पहले कुछ अधिकारी आए थे और देख कर चलें गए। जिन घरों को कभी प्यार से बनाया था आज उन्हें ही उजाड़ता हुए लोग देख रहे हैं। खाने के नाम पर प्रशासन द्वारा पूड़ी सब्जी उपलब्ध कराई जाती है जो पर्याप्त नहीं है।
प्रशासन की माने तो एसडीम रामनगर, तहसीलदार रामनगर ने मौके पर जाकर कटान से पीड़ित व्यक्तियों मिल कर आश्वासन दिया की अति शीघ्र बंधे के बाहर सुरक्षित स्थान पर आप लोगों को जगह मुहैया करवाई जाएगी साथ ही प्रत्येक परिवार को मुख्यमंत्री आपदा आवास भी दिया जाएगा तब तक पीड़ित परिवार के रहने-खाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में तिरपाल व दोनों टाइम भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
अभी तक राजकुमार, पवन कुमार, विजय कुमार, अनिल कुमार, सुमित कुमार, संजू कुमार, राजू, मुकेश, रामनरेश, रामू, सुनीता, बृजेश कुमार, उमाशंकर, छोटेलाल, अमित कुमार, सर्वेश के पक्के मकान नदी के कटान की चपेट में आ चुके हैं। नदी का कटान तेजी से चलने के कारण ग्रामीण अपने घरों को स्वयं तोड़ने पर मजबूर हो गए ट्रैक्टर ट्राली की सहायता से लोग अपने घरों की गृहस्ती निकाल कर पक्की सड़क पर या रिश्तेदारों के यहां डाल रहे।
नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। फिलहाल जहां ग्रामीण प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की मदद न मिलने का आरोप लगा रहे है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी राहत और बचाव कार्य के दावे कर रहे है।