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Sports City Project Vivad: SC ने लोटस ग्रीन्स के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक

नोएडा सेक्टर 150 स्थित स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट SC-02 से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लोटस ग्रीन्स को अंतरिम राहत देते हुए उसके खिलाफ किसी भी सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Sports City Project Vivad: SC ने लोटस ग्रीन्स के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक

नोएडा सेक्टर 150 स्थित स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट SC-02 से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लोटस ग्रीन्स को अंतरिम राहत देते हुए उसके खिलाफ किसी भी सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शंस की याचिका पर आया, जिसमें उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल शामिल थे, ने कहा कि कार्यवाही जारी रहेगी, लेकिन कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए थे CBI जांच के आदेश

पिछले महीने, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में अनियमितताओं की जांच के लिए CBI को निर्देश दिया था। 24 फरवरी 2025 को दिए गए आदेश में सीबीआई को उन सभी अधिकारियों और डेवलपर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया था, जो इस घोटाले में कथित रूप से शामिल थे। इसके साथ ही, नोएडा प्राधिकरण को सभी हितधारकों को नोटिस जारी कर बकाया राशि, ब्याज और जुर्माने सहित पूरी रकम वसूलने का भी आदेश दिया गया था।

बकाया राशि वसूलने के लिए नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद, नोएडा प्राधिकरण ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर डेवलपर्स को एक महीने के भीतर बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया। स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर अब तक करीब 2,700 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें ब्याज और जुर्माना भी शामिल है।

लोटस ग्रीन्स को मिली राहत, कंपनी ने जताया संतोष

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोटस ग्रीन्स के प्रवक्ता ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि “कंपनी को न्यायालय पर पूरा भरोसा है।” प्रवक्ता ने कहा कि इस फैसले से कंसोर्टियम पार्टनर्स और होम बायर्स को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

प्रतिबंध न होता तो खेल सुविधाएं छह महीने में हो जाती पूरी

लोटस ग्रीन्स के प्रवक्ता ने कहा कि 2014 में इस परियोजना के लिए जमीन आवंटित हुई थी और 2017 में मास्टर प्लान को मंजूरी मिली थी। हालांकि, जनवरी 2021 में परियोजना पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रतिबंध न लगाया गया होता, तो क्रिकेट ग्राउंड, मल्टी-पर्पस प्लेफील्ड और गोल्फ कोर्स जैसी खेल सुविधाएं छह महीने में पूरी हो सकती थीं।

SC-02 स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट: 2014 में हुआ था लॉन्च

जून 2014 में लॉन्च किए गए इस प्रोजेक्ट का क्षेत्रफल 12 लाख वर्ग मीटर है। इस योजना में 70% भूमि खेल सुविधाओं और खुले क्षेत्रों के लिए और 30% भूमि ग्रुप हाउसिंग और वाणिज्यिक उपयोग के लिए आवंटित की गई थी। लोटस ग्रीन्स और अन्य डेवलपर्स ने सितंबर 2014 में इस परियोजना को तकनीकी और वित्तीय बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया था।

प्रतिबंध से प्रभावित हुए हजारों होमबायर्स

हालांकि, भूमि की अनुपलब्धता के कारण, नोएडा प्राधिकरण ने डेवलपर्स को 30 सितंबर 2016 तक ‘जीरो पीरियड’ प्रदान किया था। इसके बाद, जनवरी 2017 में मास्टर प्लान को मंजूरी मिली। लेकिन 18 जनवरी 2021 को नोएडा प्राधिकरण ने अपनी 201वीं बोर्ड बैठक में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे लगभग 10,000 होमबायर्स प्रभावित हुए।

सीएजी की रिपोर्ट के बावजूद प्रतिबंध नहीं हटाया गया

2020 में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, उत्तर प्रदेश विधान सभा की लोक लेखा समिति (PAC) ने नोएडा प्राधिकरण को परियोजना से प्रतिबंध हटाने और लोटस ग्रीन्स के संशोधित मास्टर लेआउट प्लान को मंजूरी देने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया था कि स्पोर्ट्स सिटी मामले की जांच जारी है।

इन घटनाक्रमों के बावजूद, नोएडा प्राधिकरण ने अभी तक स्पोर्ट्स सिटी में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किए हैं। नोएडा प्राधिकरण ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

क्या अब हटेगा प्रतिबंध?

अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर लगा प्रतिबंध हटाया जाएगा या नहीं। लोटस ग्रीन्स और अन्य डेवलपर्स को उम्मीद है कि यह मामला जल्द सुलझेगा और रुके हुए प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने की अनुमति मिलेगी, जिससे हजारों होमबायर्स को राहत मिल सके।

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