गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में FIITJEE कोचिंग सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया है। यह शिकायत वसुंधरा स्थित संस्थान के केंद्र को बिना सूचना बंद करने और अभिभावकों से भारी फीस वसूलने को लेकर दायर की गई है। इससे पहले, कवि नगर थाने में भी इसी कोचिंग चेन के खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता प्रसून पारीक के अनुसार, FIITJEE ने जनवरी 2024 में करीब 250 छात्रों से एडवांस फीस के रूप में 5 से 10 लाख रुपये तक की रकम वसूली। इनमें कुछ अभिभावकों ने एकमुश्त भुगतान किया, जबकि अन्य मासिक किस्तों के समझौते पर थे। छात्रों को 9वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में दाखिला दिया गया था।
हालांकि, 2 फरवरी 2025 को संस्थान ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए अचानक केंद्र बंद करने की घोषणा कर दी। इस कदम से न केवल अभिभावकों को आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि छात्रों की पढ़ाई और भविष्य भी प्रभावित हुआ है।
आरोप: सोची-समझी साजिश से छात्रों के साथ खिलवाड़
अभिभावकों का आरोप है कि FIITJEE प्रबंधन ने जानबूझकर यह कदम उठाया। शिकायत में मैनेजिंग डायरेक्टर, सेंटर हेड, एडमिन हेड और एक अन्य अधिकारी के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज किया गया है। प्रसून पारीक ने कहा, “यह एक सोची-समझी साजिश है। संस्थान ने फीस लेने के बाद बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया।”
अभिभावकों का हंगामा और पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद कई अभिभावक इंदिरापुरम थाने पहुंचे और संस्थान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने संस्थान के चार अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की।
पहले भी उठ चुके हैं ऐसे आरोप
यह FIITJEE के खिलाफ गाजियाबाद में दूसरा मुकदमा है। इससे पहले, कवि नगर थाना क्षेत्र में भी अभिभावकों ने कोचिंग केंद्र के अचानक बंद होने और फीस न लौटाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इन मामलों ने कोचिंग संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।