11 सितंबर से ग्रेटरनोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 होने जा रहा है जो कि 13 सितंबर तक आयोजित होगा। इस आयोजन में दुनिया भर की लीडिंग मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा लेंगी। ये आयोजन इसलिए ज़रुरी है क्योंकि जानकारों के अनुसार 2026 तक सेमीकंडक्टर का कारोबार 55 बिलियन डॉलर से अधिक का होगा। इस कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ मौजूद रहेंगे।
भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने में मदद करने के लिए सेमी और मेसे मुएनचेन इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया-ईएलसीआईएनए के साथ इस कार्यक्रम के लिए साझेदारी कर रहे हैं।
सेमिकॉन इंडिया 2024 के शेड्यूल के अनुसार, 11 से 13 सितंबर तक तीनों दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। जिसमें दुनिया भर के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर अपने स्टॉल लगाएंगे। पहले दिन 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी सेमीकॉन इंडिया का शुभारंभ करेंगे।
तीन दिन है सेमिनार
पहले दिन स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, वर्कशॉप का आयोजन होगा। भारत में सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम पर एक प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा।
दूसरे दिन क्रॉस रीजनल पार्टनरशिप, फ्लैिक्सबिल हाइब्रिड इलेक्ट्रॉनिक्स, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, माइटी इंडस्ट्री एकेडमिया वर्कशॉप और सस्टेनेबिलिटी सेशन आयोजित होंगे।
अंतिम दिन माइक्रोन द्वारा पैकेज मैन्युफैक्चरिंग बूटकैंप, आईईएसए द्वारा सेमीकंडक्टर की अब तक की जर्नी पर प्रस्तुतिकरण होगा। आईएसए द्वारा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन का इंट्रोडक्शन भी कराया जाएगा।
यूपी में स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसर पैदा होंगे
सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी-2024 इलेक्ट्रॉनिका इंडिया और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया के साथ आयोजित किया जा रहा है। ये दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग मेले हैं। इसमें विभिन्न देशी और विदेशी कंपनियां शामिल होने जा रही है। यहां के स्थानीय नेताओं और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। निवेश के नजरिया को समझेंगे। भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम को देखेंगे, ताकि उन्हें अपने बिजनेस के विस्तार के नए अवसर मिल सकें।
देश में तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए, भारत सेमीकंडक्टर मिशन (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल) ने एएमडी, अप्लाइड मटेरियल्स और माइक्रोन टेक्नोलॉजी जैसी बड़ी कंपनियों को अपने चिप क्षेत्र में निवेश करने के लिए आकर्षित किया है। सरकार की भी मंशा है कि प्रदेश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा दिया जाए, ताकि प्रदेश को कई अन्य सेक्टर की तरह सेमीकंडक्टर उद्योगों का भी हब बनाया जा सके। ऐसा होने पर रोजागार के मार्ग बनेंगे।
सेमी कंडक्टर पॉलिसी के तहत निवेश करने पर ये होगा फायदा
- यूपी सेमीकंडक्टर नीति के तहत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कैपिटल सब्सिडी पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी का प्राविधान किया गया है।
- पॉलिसी में कंपाउंड सेमी कंडक्टर, सिलिकॉन फोटोनिक्स, सेंसर, एटीएमपी, ओएसएटी के लिए 75% की लैंड रिबेट भी प्रदान की गई है।
- डुअल ग्रिड नेटवर्क के साथ ही 10 सालों के लिए इलैक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100 की छूट प्रदान की जा रही है।
- 25 सालों के लिए अंतरराज्यीय बिजली खरीद, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क 50 प्रतिशत की छूट।
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर 100 प्रतिशत छूट और प्रति वर्ष 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (अधिकतम 7 करोड़ रुपए) दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में 200 इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां
देश में 200 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां अपनी यूनिट संचालित कर रही है। जिसके चलते प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का हब बन गया है। यही नहीं प्रदेश मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का भी हब है। प्रदेश देश की कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 65 प्रतिशत का योगदान देता है। इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश फैबलेस सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम में भी राइजिंग स्टार के तौर पर उभर रहा है। यहां लीडिंग ग्लोबल चिप डिजाइन और आरएंडडी कंपनियों को लाने का प्रयास कर रही है।