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महोबा पहुंची शिवरंजनी की कलश यात्रा, गंगोत्री से पैदल चलकर पहुंचेगी बागेश्वर धाम

एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी की चाह में गंगोत्री से सिर पर गंगाजल कलश रखकर पैदल बागेश्वर धाम के लिए निकल पड़ी है। 45 डिग्री टेम्प्रेचर के बीच शिवरंजनी उत्तर प्रदेश के महोबा पहुंची। महोबा में महिलाओं ने उनकी आरती उतारी और पारम्परिक मंगल गीत गाकर स्वागत किया। बता दें कि शिव रंजनी तिवारी 16 जून को कलश यात्रा लेकर बागेश्वर धाम पहुंचेगी।

By: Desk Team  RNI News Network
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महोबा पहुंची शिवरंजनी की कलश यात्रा, गंगोत्री से पैदल चलकर पहुंचेगी बागेश्वर धाम

महोबाः एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी की चाह में गंगोत्री से सिर पर गंगाजल कलश रखकर पैदल बागेश्वर धाम के लिए निकल पड़ी हैं। 45 डिग्री टेम्प्रेचर के बीच शिवरंजनी उत्तर प्रदेश के महोबा पहुंची। धीरेंद्र शास्त्री को अपना प्राणनाथ कहने वाली शिवरंजनी का जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ। महोबा में महिलाओं ने उनकी आरती उतारी और पारम्परिक मंगल गीत गाकर स्वागत किया। बता दें कि शिव रंजनी तिवारी 16 जून को कलश यात्रा लेकर बागेश्वर धाम पहुंचेगी। यहां से बागेश्वर धाम की दूरी अब मात्र 80 किलोमीटर रह गई है। जबकि शिवरंजनी अभी तक गंगोत्री से तकरीबन 1150 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी हैl शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि “जब तक बिका न था कोई पूछता न था, आपने ख़रीदकर मुझे अनमोल कर दिया”।

शिवरंजनी तिवारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली है। वह अपने पिता और भाई के साथ इस यात्रा में निकली है। गंगोत्री से शुरू हुई यह यात्रा परेशानियों से भरी रही लेकिन शिवरंजनी ने हार नहीं मानी और चल पड़ी अपने लक्ष्य को हासिल करने। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम आते ही उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और सुकून भी दिखाई पड़ता है। उन्होंने संदेश दिया कि सभी लोग बालाजी सरकार बागेश्वर धाम से जुड़े। शिवरंजनी ने बताया कि जब से बालाजी सरकार बागेश्वर धाम के चरणों से जुड़ी हूं तो आज मुझे घर-घर पहचान मिली है। मैं जो कुछ भी हूं उन्हीं बाला जी की कृपा और धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कृपा से हूं। शिवरंजनी ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उनके प्राणनाथ हैं और उनसे मिलने की इच्छा उन्हें गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक ले जा रही है। उन्होंने एक भजन गाते हुए अपने प्रेम का बखान किया और बताया कि उन्हें मीरा जैसी लगन है जो लगन सिर्फ और सिर्फ बागेश्वर धाम पहुंचकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के बाद ही समाप्त होगी।

उन्होंने बताया कि इस बीच उन्हें साधु-संतों का भी आशीर्वाद मिल रहा है। पदयात्रा में जहां-जहां उन्हें दिक्कत आई वहां वहां बालाजी सरकार का ध्यान किया और सब अपने आप ही व्यवस्थित होता चला गया। यहीं नहीं लू के थपेड़े भी उनकी यात्रा पर प्रभाव नहीं डाल सके। उन्होंने कहा कि “आ गए शौक के आखिरी मोड़ पर राह के बेजख्म देखते देखते.. एक दिन मंजिल पर भी पहुंच जाएंगे प्रभु के नक्शे कदम देखते देखते। फिलहाल 16 जून तक शिवरंजनी तिवारी बागेश्वर धाम पहुंचने का दावा कर रही है। लेकिन इस बीच खबर आ रही है पंडित धीरेन्द्र शास्त्री 15 जून से एकांतवास के लिए चले जाएंगे। इस उलझन के बीच शिवरंजनी तिवारी का सफर महोबा से जारी है।

महोबा से संवाददाता कौशलेन्द्र राठौर की रिपोर्ट

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