जब एक रास्ता बंद होता है तो दूसरा रास्ता स्वतः खुल जाता है, ऐसे ही है जमनित्र न्यास की संचालक श्रुति नागवंशी जो उन लोगों के लिए सहारा बन जाती हैं जब उनके लिए कोई और रास्ता नहीं बचता है। बता दें कि आत्मविश्वासी उद्यमी श्रुति नागवंशी ने साल 1999 में इस NGO(जनमित्र न्यास) स्थापित करके सामाजिक उद्यम और एनजीओ मूलभूत स्तर में बदलाव करके और लक्ष्यों को सार्थक करके अपना अमूल्य योगदान दिया है।
वहीं उनकी यात्रा, समर्पण, सहनशीलता और परिवर्तनात्मक प्रभाव के कठोर परिश्रम ने श्रुति नागवंशी को एनजीओ की श्रेणी में साल 2024 में ग्रेट कंपनीज इंटरनेशनल महिला उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित की गयी हैं।
Highlights
- NGO CEO: SHRUTI RAGUVANSI
- BUSNINESS NAME: JANMITRA NYAS
- NGO LOCATION: VARANASI, INDIA
- ESTABLISHMENT(YEAR): 1995
- CATEGORY: SOCIAL ENTERPRISE AND NGO
ग्रेट कंपनीज इंटरनेशनल महिला उद्यमी पुरस्कार
श्रुति नागवंशी को 2024 में एनजीओ श्रेणी में ग्रेट कंपनीज इंटरनेशनल महिला उद्यमी पुरस्कार मिलना उनकी कड़ी मेहनत और महिला/बच्चों के अधिकारों के के लिए डटकर खड़ा रहना है। उनकी सफलता की प्रेरणा केवल उत्कृष्ट उद्यमियों को प्रेरित करने तक सीमित नहीं है, अपितु उन सभी लोगों के लिए भी एक सीख है कि कैसे न्यायसंगत और समावेशी होकर दुनिया को अच्छा बनाया जा सकता है।
महिलाओं के साहस और धैर्य को प्रदर्शित करता है पुरस्कार
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, हमें उन महिलाओं के योगदान, उनके संवेदनशीलता और सहनशीलता को जानने का मौका मिलता है जिनका समाज में सम्मान की दृष्टि में बहुत बड़ा तबका होता है… जैसे कि श्रुति नागवंशी, इमानी कलेक्टिव (केन्या) की जेनी नक्यो, द फ्लोरा मे फाउंडेशन (यूएसए) की डेबी हैंसन-बॉस, बीकन एंटरप्राइजेज इंक (यूएसए) की जेनिफर लुसेरो, और यूटाह के 40 ओवर 40 (यूएसए) की जूलिया डीवर, जिनका दृष्टिकोण और नेतृत्व आम लोगों के लिए एक आशा की किरण दिखाता है।
जिससे सम्पूर्णता के साथ-साथ बेहतर दुनिया की तरफ एक रास्ते का निर्माण होता है। जिसके लिए श्रुति नागवंशी को बधाई। यह पुरस्कार विशेष योगदान को स्थायी रूप से स्वीकारता है। वहीं श्रुति का प्रभाव वाराणसी की सीमाओं से परे भी दिखता है और विश्व भर में परिवर्तन और सशक्तिकरण के संदर्भ को प्रत्यक्ष सामने रखता है।
बच्चों और महिलाओं के क्षेत्र में विशेष योगदान
श्रुति ने हाशिए पर रहने वाले समुदायों में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर केंद्रित मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। जिसका सकारात्मक प्रभाव यह हुआ कि इससे मातृ, नवजात और कुपोषित बच्चों की मौतों में गिरावट दर्ज हुई, जो उनके दृष्टिकोण को सार्थक सिद्ध करता है। वे भारतीय महिला और बाल अधिकार कार्यकर्ता के रूप में सशक्तिकरण और लचीलेपन का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। उनका दलित जाति और ग्रामीण महिलाओं सहित हाशिये पर मौजूद समुदायों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता रही है और इसी ने उन्हें एक नयी पहचान भी दिलाई है।
विश्वस्तरीय है जनमित्र न्यास का प्रभाव
श्रुति का प्रभाव देश तक ही सीमीत न होकर अंतर्राष्ट्रीय मंच तक फैला हुआ है, जैसा कि जी20 इंटरफेथ समिट 2023 में उनकी भागीदारी से ज्ञात हो जाता है। इसी के साथमभेदभाव, बाल संरक्षण और अंतरधार्मिक सहयोग पर उनकी अंतर्दृष्टि वैश्विक परिवर्तन के प्रति उनके समर्पण और व्यापक प्रभाव के लिए जमीनी स्तर के दृष्टिकोण का लाभ उठाने की उनकी क्षमता को दिखाती है।
मां के प्रोत्साहन से मिली बाधाओं से पार पाने की क्षमता
श्रुति की सक्रियता की यात्रा उनके जन्म के समय से ही शिक्षा के प्रति उनकी मां के प्रोत्साहन और मानव क्षमता को सीमित करने वाली बाधाओं के बारे में उनकी स्वयं की अनुभूति ने आकार दिया। यह आत्म-विश्वास ही था जिसने उन्हें सामाजिक कार्यों में प्रेरित किया। बता दें कि उन्होंने शुरुआत में स्थानीय कार्यक्रमों के माध्यम से और बाद में संयुक्त राष्ट्र युवा संगठन जैसे संगठनों के साथ जुड़ाव के माध्यम से अपने लक्ष्य को सार्थक बनाने में अपना सहयोग दिया है।
यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियाँ
उनके लक्ष्यों की ओर यात्रा कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से चिह्नित हुई है, जिनमें से सबसे प्रमुख हैं:
धन की कमी: सीमित वित्तीय संसाधनों के माध्यम से नेविगेट करना एक लगातार चुनौती रही है। उनकी पहल को बनाए रखने और उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए पर्याप्त धन सुरक्षित करना अक्सर एक बाधा रही है, जिसके लिए रचनात्मक बजट और संसाधन जुटाने की रणनीतियों की आवश्यकता होती है।
असामाजिक, सामंती और पितृसत्तात्मक ताकतों द्वारा हमले: सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के उनके प्रयासों को कभी-कभी विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। असामाजिक तत्वों, जमी हुई सामंती संरचनाओं और जमी हुई पितृसत्तात्मक व्यवस्था के हमलों ने उनकी टीम के सदस्यों के लिए खतरा पैदा कर दिया है और उनकी प्रगति में बाधा उत्पन्न की है। इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए लचीलेपन, एकजुटता और हितधारकों के साथ रणनीतिक जुड़ाव की आवश्यकता है।
महिला उद्यमियों के लिए सलाह
अपनी यात्रा शुरू करने वाली महिला उद्यमियों के लिए, यहां विचार करने योग्य कुछ मूल्यवान सलाह दी गई हैं…
धैर्यवान, संपूर्ण योजना: धैर्यवान और संपूर्ण योजना बनाने के लिए समय निकालें। अपने व्यवसाय की आंतरिक क्षमताओं और बाहरी वातावरण में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक व्यापक SWOT (ताकतें, कमजोरियाँ, अवसर, खतरे) विश्लेषण करें। यह विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण फोकस के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने और एक सुविज्ञ रणनीति विकसित करने में मदद करेगा।
हितधारक जुड़ाव: अपने उद्यमशीलता उद्यम के हर चरण में हितधारकों के साथ जुड़ें। चाहे वह ग्राहक हों, आपूर्तिकर्ता हों, निवेशक हों या समुदाय के सदस्य हों, उनका इनपुट और समर्थन अमूल्य हो सकता है। मजबूत संबंध बनाने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में हितधारकों को सक्रिय रूप से शामिल करने से विश्वास, सहयोग और दीर्घकालिक सफलता को बढ़ावा मिल सकता है।
अवसरों को अधिकतम करें: उन अवसरों को पहचानें और उनका लाभ उठाएं जो आपकी ताकत और उद्देश्यों के अनुरूप हों। बाज़ार के रुझानों, उभरती प्रौद्योगिकियों और उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकताओं के प्रति सचेत रहें। सक्रिय और अनुकूलनीय रहकर, आप अपने व्यवसाय को अवसरों का लाभ उठाने और प्रतिस्पर्धा से आगे रहने की स्थिति में ला सकते हैं।
जोखिमों को प्रभावी ढंग से कम करें: अपने व्यवसाय के लिए संभावित खतरों का पहले से अनुमान लगाएं और उनका समाधान करें। चाहे वह बाजार में अस्थिरता हो, नियामक परिवर्तन हो, या प्रतिस्पर्धी दबाव हो, दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जोखिमों को समझना और कम करना महत्वपूर्ण है। आकस्मिक योजनाओं को लागू करें, राजस्व धाराओं में विविधता लाएं और अप्रत्याशित चुनौतियों के प्रभाव को कम करने के लिए सतर्क रहें।
लचीलेपन और दृढ़ता को बढ़ावा: उद्यमिता एक चुनौतीपूर्ण और अप्रत्याशित यात्रा हो सकती है। रास्ते में आने वाली बाधाओं और असफलताओं पर काबू पाने के लिए लचीलापन और दृढ़ता विकसित करें। अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहें, सकारात्मक मानसिकता बनाए रखें और असफलता को सीखने और विकास के अवसर के रूप में स्वीकार करें। याद रखें, सामने आने वाली प्रत्येक चुनौती मजबूत और अधिक लचीला बनकर उभरने का एक अवसर है।