उत्तर प्रदेश में बड़ा खेला होते दिख रहा है जहाँ कई विभागों के अधिकारी लापरवाह नजर आ रहे हैं। जिसके चलते सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को नहीं हो पा रहा है। लापरवाही का ताजा मामला विकास खण्ड के भनवापुर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सफीपुर का है।
जहां राजस्व गांव परसोहिया तिवारी में, तैनात आगनबाड़ी कार्यकात्री करीब तीन साल से गायब हैं। जिसके चलते आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलने वाला पुष्टाहार साल से 6 महीने में, एक बार कोई और ही बांट कर चला जाता है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग के परियोजना अधिकारी को इस बात की भनक तक नहीं है।
वहीं जब यूपी की बात की टीम आंगनबाड़ी केंद्र पर पड़ताल करने पहुचीं तो पता चला कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री पिछले तीन साल से आंगनबाड़ी केंद्र पर आती ही नहीं है। जिसके चलते बच्चों और महिलाओं को मिलने वाला पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। गांव के लोगों ने हमारी टीम को बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री तीन साल से देहरादून में रह रही है। जबकि उसका भाई आकर साल में एक या दो बार पुष्टाहार बांटकर चला जाता है।
इस बात को लेकर जब हमने सीडीपीओ भनवापुर संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने इस बात की उन्हें जानकारी होने से साफ-साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात है तो इस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र और राज्य सरकारें आम लोगों को सुविधा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं लेकिन अधिकारी और कर्मचारियों की कारगुजारी के चलते इन योजनाओं से लोग वंचित रह जाते हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार गर्भवती, धात्री महिलाओं(lactating women) और छोटे बच्चों के लिए हर महीने दाल, तेल, दलिया सहित और भी ज़रूरी सामान मुहैया करवाती है, लेकिन आगनबाडी कार्यकत्री तीन साल से आगनबाडी केंद्र पर आयी ही नहीं है। जबकि विभाग को इस बात की भनक तक नहीं हैं। ऐसे में लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी जरूरी है।