नोएडा प्राधिकरण में अतिरिक्त मुआवजा वितरण से जुड़े 117 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गठित विशेष जांच टीम (SIT) प्राधिकरण से लगातार नई फाइलें मंगवा रही है। पहले 31 फाइलों की मांग की गई थी, जिसके बाद 16 और फाइलें मांगी गईं। इस पूरे मामले में 1976 से 2017 तक मुआवजा वितरण से जुड़ी फाइलों की भी समीक्षा की जा रही है।
भूड़ा और गेझा तिलपता बाद गांवों से जुड़ा मामला
यह मामला मुख्य रूप से नोएडा के भूड़ा और गेझा तिलपता बाद गांवों से जुड़ा हुआ है। इसमें अतिरिक्त मुआवजे के भुगतान से सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान होने की आशंका जताई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में पुनः जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई।
नए सिरे से हो रही जांच, पुरानी रिपोर्ट पर सवाल
एसआईटी की नई टीम ने 2009 से 2023 तक मुआवजा वितरण से जुड़ी 1198 फाइलों की जांच की है। इसमें 20 मामलों में अनियमितता पाई गई। इससे पहले पुरानी एसआईटी ने 180 पन्नों की रिपोर्ट तैयार कर तीन अधिकारियों को दोषी ठहराया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि तीनों अधिकारियों ने मिलकर 117 करोड़ 56 लाख 95 हजार रुपये का नुकसान पहुंचाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
अधिकारियों की भूमिका पर अदालत का संदेह
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि केवल दो अधिकारियों को दोषी ठहराना पर्याप्त नहीं है और प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अतिरिक्त मुआवजा पाने वाले किसानों पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा, न ही उन्हें किसी एफआईआर में नामजद किया जाएगा।
एसआईटी टीम जल्द फिर से कर सकती है दौरा
नोएडा प्राधिकरण द्वारा जांच में सहयोग के तहत फाइलों की जानकारी एसआईटी को दी जा रही है। इस सप्ताह एक बार फिर से जांच टीम के नोएडा प्राधिकरण आने की संभावना है। जांच अधिकारी यूपी कैडर से हैं, लेकिन उनकी पोस्टिंग नोएडा में नहीं हुई है।
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एसआईटी की टीम हर वित्तीय लेन-देन और प्रशासनिक प्रक्रिया की गहराई से जांच कर रही है। आने वाले समय में और खुलासे होने की संभावना है, जिससे इस बहुचर्चित घोटाले पर और अधिक रोशनी डाली जा सकेगी।