यूपी के सीतापुर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसको जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से गर्भवती महिला की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया है। परिजनों ने अस्पताल के स्टॉफ पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रात में मरीज को भर्ती कर तो लिया लेकिन इलाज के लिए देखने कोई नहीं आया। परिजनों का आरोप है कि सुबह ब्लड की भी मांग की गई।
महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। घटना पर सीएमएस का कहना है कि मामले में जांच कराकर संबंधित स्टाफ के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजनों का हंगामा
मामला शहर कोतवाली स्थित सदर जिला महिला अस्पताल का है। यहां इमलिया सुल्तानपुर थाना इलाके के रानीपुर गांव के रहने वाले सोनू ने अपनी पत्नी जयनी को प्रसव पीड़ा के बाद देर रात महिला अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। परिजनों का आरोप है कि देर रात तक महिला अस्पताल के बेड पर पड़ी रही, लेकिन अस्पताल के किसी भी स्टाफ ने हाथ तक नहीं लगाया। सुबह अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई तो अस्पताल स्टाफ ने दो यूनिट ब्लड की मंगा की। इसी दौरान महिला ने बेड पर ही दम तोड़ दिया। गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजनों के सब्र टूट गया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
सीएमएस ने कहा नहीं हुई कोई लापरवाही
मृतक महिला के परिजनों के आरोपों पर डॉक्टरों का कहना है कि महिला बीपी की मरीज थी और देर रात उसका बीपी बढ़ा हुआ था। सुबह परिजनों ने उसे चाय पिला दी जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और जब तक इंजेक्शन लगाकर दवाई असर करती तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सीएमएस सुषमा कर्णवाल का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाती है लेकिन अगर परिजनों ने आरोप लगाया है तो मामले की जांच कराकर संबंधित के खिलाफ दोषी पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।