Amethi Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे। नामांकन से पहले स्मृति ने अपने आवास पर विधि विधान से पूजन किया। इसके बाद वह भाजपा कार्यालय पहुंची और यहां से मोहन यादव के साथ रोड शो की शुरुआत की थी।
नामांकन के दौरान अयोध्या से आए महापौर पंडित गिरीशपति त्रिपाठी ने राम नाम का पटका देकर मुख्यमंत्री व स्मृति ईरानी का स्वागत किया। वहीं अयोध्या से आए कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। नामांकन के दौरान भारी संख्या में भीड़ मौजूद रही।
उल्लेखनीय है कि, यूपी के चुनाव में सपा व कांग्रेस गठबंधन जहां मुस्लिम-यादव मतों को अपनी ताकत मान रही है। वहीं, अमेठी सीट से केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी के तीसरी बार के नामांकन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को बुलाकर ‘वाई फैक्टर’ साधने की कोशिश भाजपा के रणनीतिकारों ने की है।
बता दें की 2019 में स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को हराया था। 1998 में संजय सिंह के बाद वो भाजपा की दूसरी नेता हैं जिन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी। स्मृति ईरानी के सामने कांग्रेस किसे उतारेगी इसे लेकर अब भी असमंजस की स्थिति है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 3 मई है।
केंद्रीय मंत्री और अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एक रोड शो किया। उनके साथ इस रोड शो में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी में मतदान होगा। 2019 में भाजपा की अमेठी पर विजय ने सभी को शॉक कर दिया था इस बार भी पार्टी ने स्मृति ईरानी पर भरोसा जताया है। यह सीट गांधी परिवार की सीट मानी जाती थी।
हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधान सभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधान सभा क्षेत्र में सुलतानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं। अगर जातिगत आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक 48 हजार के करीब यादव मतदाता अमेठी विधानसभा क्षेत्र में हैं।
जगदीशपुर में 37 हजार के करीब तो गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 35 हजार से अधिक है। सलोन में साढ़े 36 हजार व तिलोई में 27 हजार के करीब यादव मतदाता हैं। जिन्हें भाजपा के पक्ष में लाने की रणनीति के तहत भाजपा एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्मृति के नामांकन में जोर-शोर से बुलाया गया है।
साल 1967 से 1971 तक अमेठी से कांग्रेस की टिकट पर विद्याधर वाजपेयी विजयी हुए। इसके बाद साल 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह इस सीट से सांसद चने गए। साल 1980 में इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े बेटे संजय गांधी ने चुनाव लड़ा और इसके बाद इस सीट पर गांधी परिवार का कब्ज़ा हो गया। संजय गांधी की मौत के बाद उनके छोटे भाई और पूर्व पीएम राजीव गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा और विजयी हुए।
राजीव गांधी के बाद इस सीट से सतीश शर्मा सांसद बने। 1998 में पहली बार इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह सांसद बने। 1999 में दोबारा चुनाव हुए जिसमें सोनिया गांधी ने विजय हासिल की। 2004 और 2014 में इस सीट से राहुल गांधी सांसद बने। भाजपा की स्मृति ईरानी के सामने वे 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। 2019 में हुए आम चुनाव में स्मृति ईरानी को 468,514 वोट (49.71%) मिले थे वहीं राहुल गांधी को 413,394 वोट (43.84%) मिले थे।