इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अपना बहुमूल्य मत देने की देने की अपील करतीं पार्टी सांसद स्मृति ईरानी अमेठी की सड़कों पर दिखीं। स्थानीय जनता से जनता से संवाद करतीं ईरानी ने यहाँ के लोगों के बीच जाकर कहा , ” मैं यहां जाति के आधार पर नहीं बल्कि एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में आपका समर्थन मांग रही हूं।
बता दें कि भाजपा ने स्मृति ईरानी को फिर से अमेठी से अपने लोकसभा उम्मीदवार बनाया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से अबतक इस सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। इस इसे लेकर स्मृति कांग्रेस की पुश्तैनी सीट रही अमेठी पर अपने उम्मीदवार की अब तक घोषणा न करने को लेकर जबरदस्त तंज कसा है।
भाजपा ने एक बार फिर भाजपा नेता स्मृति अमेठी लोकसभा सीट से फिर से स्मृित ईरानी पर अपना दांव खेल दिया है जब उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी पर हमलावर होते कहा कि गांधी नेहरू परिवार का गढ़ रहे अमेठी में कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा तक नहीं की है। इससे इस बात को बल मिलने लगा है।
इससे यह लगता है स्मृति ईरानी इस बार भी कांग्रेस को कोई मौका देना नहीं चाहतीं और उन्होने अपनी प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस व उसके प्रत्याशी पर निशाना साधा है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी दल हो या फिर विपक्षी दल दोनों ही चुनावी रैलियां करने में जुटी हुई हैं। भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की तरफ से लगभग अधिकांश उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जा चुकी है। वहीं, इंडी गठबंधन की तरफ से भी अधिकांश उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी गई है।
हालांकि कुछ सीटों पर अब भी विवाद फंसा हुआ है। ऐसी ही एक सीट है अमेठी लोकसभा की सीट। दरअसल इस सीट से वर्तमान में स्मृति ईरानी भाजपा की सांसद हैं। लेकिन कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर अबतक उम्मीदवार नहीं उतारा गया है। इस बाबत अब स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है।
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने इस क्षेत्र में कांग्रेस की राजनीति देखी है । आप सभी ने कोविड काल की गंभीर परिस्थितियों के दौरान पार्टी नेताओं को गायब होते देखा है। इसकी मिसाल से इस बात से भी मिलती है कि जब कोविड आया, तो कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति लोगों के बीच नहीं देखा गया। वहीं , कांग्रेस की तरफ से अमेठी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा में देरी को लेकर उन्होंने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि अब कांग्रेस पार्टी जानती है कि अमेठी की जनता इस बार फिर से कमल का फूल खिलाने का निर्णय ले चुकी है। इसके पीछे का कारण ये है कि अगर कांग्रेस पार्टी का 50 साल और राहुल गांधी के 15 साल बनाम भाजपा सांसद के पांच साल को देखें तो जमीन और आसमान का फर्क पता चल जाएगा।