यूपी के नोएडा से हैरान कर देने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई दंग रह जाएगा। यहां के सेक्टर 118 में सुपरटेक और अजनारा ने एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया। यहां तक तो सब ठीक था। लेकिन बड़ी बात यह है कि इन दोनों बिल्डर्स ने जिस जमीन पर हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच किया, वह जमीन इनके नाम है ही नहीं। हैरानी इस बात की है कि इस जमीन का सब डिविजन भी नहीं किया गया। इसके बाद भी इन दोनों के प्रोजेक्ट को न तो अथॉरिटी ने रोका और न ही रेरा ने।
आपको बता दें कि दोनों बिल्डर्स नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चले गए हैं। इस मामले में जब वहां नियुक्त आईआरपी ने नोएडा अथॉरिटी से पूछा तो अथॉरिटी ने यह कहकर पीछा छुड़ा लिया कि उसको दोनों बिल्डरों के इस प्लॉट के संबध में पता ही नहीं है। उन्होंने बताया कि ये प्लॉट आईवीआर प्राइम बिल्डर ग्रुप को आवंटित हुए थे। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अब तक सारे दस्तावेज उसी ग्रुप के नाम से हैं। इसलिए इसमें अथॉरिटी कुछ नहीं कर सकती।
अथॉरिटी के अधिकारियों की मानें तो इस तरह के दो मामले सामने आए हैं, और दोनों ही प्लॉट सेक्टर-118 और 119 में आईवीआर बिल्डर को ग्रुप हाउसिंग के लिए आवंटित हुए थे। मामला यह है कि आईवीआर प्राइम बिल्डर ने सेक्टर-118 के प्लॉट का हिस्सा सुपरटेक और अजनारा को दे दिया है। लेकिन इसकी सबलीज डीड आदि कराई ही नहीं गई है। अथॉरिटी का अनुमान है कि आंतरिक स्तर पर कोई एग्रीमेंट कराया गया होगा।
अब इस प्लॉट पर सुपरटेक की ओर से रोमानो ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट लांच किया गया है। इसमें अथॉरिटी का कहना है कि यह प्लॉट आईवीआर प्राइम बिल्डर के नाम से है, इसलिए उस बिल्डर से ही अथॉरिटी संपर्क करेगी। अथॉरिटी का यह भी कहना है कि आईवीआर बिल्डर के नाम से ही नक्शा पास करवाए गए हैं। आपको बता दें कि यहां 1.33 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में 36 टावर मंजूर हुए हैं। जिसमें 19 टावर बन चुके हैं। इसके साथ ही 2365 फ्लैटों की मंजूरी मिली है।
ऐसे ही सेक्टर-119 में एक और मामला अथॉरिटी के सामने आया है। जो आईवीआर बिल्डर के नाम से है। यहां उन्नति फॉर्च्यून निर्माण करा रहा है।
नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ प्रभाष कुमार का कहना है कि अथॉरिटी से जमीन लेने के बाद बिल्डर उस पर निर्माण किसी भी ग्रुप से करवा सकता है। अथॉरिटी अपने आवंटी के प्रति ही जवाबदेह होती है। सेक्टर-118 और 119 में दो ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं।