यूपी के सोनभद्र जिले के तेलगुड़वा-कोटा-कोन मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है। ये मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। हालात ये है कि मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। इस मार्ग पर आए दिन बाइक सवार और ऑटो पलट जाते हैं, जिससे राहगीर चोटिल हो जाते है। कभी कभी तो यात्रियों की मौत भी हो जाती है। इस मार्ग को ठीक करवाने के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने आंदोलन भी किया, लेकिन इसकी हालत जस की तस बनी हुई है।
13 किलोमीटर रोड पर गड्ढों का शासन
तेरह किलोमीटर लंबी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। आम लोग परेशान हैं। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार लोग सड़कों पर उतरे, विधायक से लेकर अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी सड़क बनने का काम शुरू नहीं हो पाया। दरअसल इस मार्ग से गुजरने वाले बालू से लदे ट्रकों से रिसकर पानी सड़कों पर गिरता है। इसके कारण सड़क जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है।
इस मार्ग पर पैदल चलना तो मौत को दावत देने के समान है। कई लोग कीचड़ भरे सड़क पर गिरकर घायल हो चुके हैं। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके इस मार्ग का निर्माण न होने से लोग एक साल से भी अधिक समय से परेशान हैं। अधिकारियों के झूठे आश्वासन से अब लोगों का विश्वास उठ चुका है।
अधिकारियों के मिलीभगत से आमजन परेशान
2015 में तेलगुड़वा-कोटा मार्ग पर 13 किमी सीसी रोड और नाली निर्माण का कार्य कराया गया। पहले तो ये सड़क लगभग चार साल में बनकर तैयार हुई। इसके बाद सड़क एक साल भी नहीं चली। पैसे का ऐसा बंदरबांट हुआ कि लोग हैरान है। वहीं इस मामले में जिलाधिकारी ने बताया कि इस मार्ग को जल्दी ही ठीक करवाया जा रहा है। सड़क की मरम्मत के लिए गिट्टी-बालू सड़कों के किनारे गिरा दिया गया है।
योगी सरकार सख्त पर प्रशासन पस्ट
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन इस सड़क की हालत को देखकर नहीं लगता कि अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन कर रहे हों। हाल ही में स्थानीय विधायक ने भी मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी। लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। जिसके चलते सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है।
ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद भी सड़कों की बुरी दशा है। सोनभद्र की ये इकलौती सड़क नहीं है जो बदहाल है, बल्कि जिले में ऐसी कई सड़कें है जो बेहद खराब हालत में हैं। ऐसा भी नहीं है कि इन सड़कों को लिए फंड नहीं आया हो। इन सड़कों की हर बार मरम्मत होती है लेकिन तीन-चार महीने में सड़कों की यही हालात बन जाती है। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि सड़कों को बनवाने में सरकारी धन की बंदरबांट बढ़े स्तर पर चल रहा है।