सुभासपा पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता अरुण राजभर ने सपा द्वारा माता प्रसाद पाण्डेय को यूपी सदन के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के संबंध में कहा कि सपा ने पीडीए के साथ छल किया है। इनको पता चल गया है कि अकेले के दम पर ये सरकार नहीं बना पाएंगे।
आम चुनाव में यूपी में मिली हार के बाद एनडीए समर्थित सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान करने के काम में जुट चुकी है। ऐसे में पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाया है। जिसके तहत सुभासपा महासचिव व प्रवक्ता अरुण राजभर सदस्यता अभियान की समीक्षा करने आजमगढ़ पहुंचे। जहां वे जिला मुख्यालय स्थित नेहरू हॉल में मीडिया के लोगों से रूबरू हुए।
मीडिया से बातचीत करते हुए सुभासपा नेता ने सपा द्वारा माता प्रसाद पाण्डेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के संदर्भ में कहा कि सपा ने पीडीए के साथ बहुत बड़ा छल किया है। जब वोट की बात आती है तो पीडीए याद आता है लेकिन जब हिस्सेदारी की बात आती है तो उनके साथ छल किया जाता है। इनका मात्र एक काम है कि पीडीए के महापुरुषों को माला पहनाओं और उनके विचारों पर ताला लगाओ।
अरुण ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को यह एहसास हो गया है कि अकेले दम पर उनसे सरकार नहीं बनने वाली इसलिए उन्होंने कांग्रेस की बैसाखी का सहारा लिया है और कांग्रेस ने अपना मन बना लिया है कि बैसाखी बनकर समाजवादी पार्टी को ही समाप्त कर देना है। सपा केवल सुभासपा का नाम लेकर जिंदा रहना चाहती है।
उन्होंने आगे कहा कि आम चुनाव 2024 में सपा और कांग्रेस ने झूठ बोलकर चुनाव जीता है। संविधान खतरे में है, आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा, खटाखट साढ़े आठ हजार रुपए खाते में डाल जाएंगे। इस तरह के झूठ के सहारे मतदाताओं को इन्होंने गुमराह किया।
जब पीडीए की बात होती है तो बाबा साहब के सम्मान की बात क्यों नहीं होती। सपा के लोग कहते हैं कि जहां भी बाबा साहब की मूर्ति लगती है वहां जमीन कब्जा कर लेते हैं जिधर उंगली दिखाते हैं वहां कब्जा करने के लिए चले जाते हैं। जिन्होंने प्रमोशन में आरक्षण खत्म किया हो पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी देने के नाम पर सिर्फ वोट लेने का काम हो किया हो जनता उनको समझ गई है वह पीडीए के रक्षक नहीं पीडीए के भक्षक हैं।
अरुण राजभर ने इस बात से साफ-साफ इनकार किया कि प्रदेश सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच कोई मनमुटाव चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मीडिया की देन है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो पुरानी विचारधारा के हैं जो सपा-बसपा और कांग्रेस की मानसिकता से ग्रसित है पर यूपी सरकार ने 7 साल के कार्यकाल में बहुत से अधिकारियों के रंग को बदल दिया है। आज हर एक अधिकारी फोन करने पर रिस्पांस देता है।
वहीं केशव प्रसाद मौर्य की बात से सहमति जताते हुए कहा कि सरकार से बड़ा संगठन होता है यह सब मानते हैं। कहा कि अगर कार्यकर्ताओं में निराशा की स्थिति है तो हम लोग सामंजस्य बैठाकर संगठन और सरकार में तालमेल कराएंगे। आगे कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी आगामी जिला पंचायत चुनाव मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगी और 2027 में एनडीए के साथ मिलकर फिर से सत्ता में आएगी।