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SLN LS Election 2024: सपा ने सुल्तानपुर से बढ़ाई भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी की मुश्किलें, जानें क्या है वजह…

LS Election 2024: सुल्तानपुर संसदीय सीट पर 25 मई को छठें चरण के तहत मतदान होना है पर जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है। जिसका कारण है आम चुनाव 2019 में सुल्तानपुर से मेनका गांधी को कड़ी टक्कर देने वाले बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह 'सोनू सिंह', जिन्होंने कल सपा का दामन थाम लिया है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
SLN LS Election 2024: सपा ने सुल्तानपुर से बढ़ाई भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी की मुश्किलें, जानें क्या है वजह…

LS Election 2024: सुल्तानपुर संसदीय सीट पर 25 मई को छठें चरण के तहत मतदान होना है पर जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है। जिसका कारण है आम चुनाव 2019 में सुल्तानपुर से मेनका गांधी को कड़ी टक्कर देने वाले बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह ‘सोनू सिंह’, जिन्होंने कल सपा का दामन थाम लिया है। आपको बता दें कि सपा ने यह जानकारी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर फोटो शेयर करके दी है। जिसमें अखिलेश यादव को सोनू सिंह बुके भेंट करते हुए दिख रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि आम चुनाव 2019 के आम चुनाव में सोनू सिंह ने बसपा के टिकट से चुनावी रण में उतरे थे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी को मैदान पर कड़ी टक्कर दी थी । पर 14 हजार वोटों से मेनका गांधी चुनाव जीतने में कामयाब रही थी।

2002 में सोनू सिंह इसौली सीट से पहली बार बने विधायक

आम चुनाव में धनपतगंज ब्लॉक के मायंग निवासी चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह अपने राजनीतिक घर वापस आ चुके हैं। साल 2002 में वह सपा के टिकट पर इसौली सीट से पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2007 में भी वे सपा से जीतकर राजनीतिक तिलक किया था। पर 2009 में सपा को अलविदा कहकर बसपा पार्टी को अपना राजनीतिक बसेरा बना लिया। सोनू सिंह ने 2009 के उप चुनाव में बसपा से रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। फिर 2012 में वो पीस पार्टी में चले गए। इस वर्ष उन्होंने सुल्तानपुर और उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू ने इसौली से चुनाव लड़ा। दोनों भाई हारे जरूर पर भाजपा और बसपा जैसी पार्टियों के जीत के लिए ब्रेकर बन गए।

2014 में भाजपा का दामन थामा

सोनू इसके बाद 2014 के आम चुनाव में भाजपा पार्टी को अपना घर बना लिया। गौरतलब है कि 2024 के लोस चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी वरुण गांधी की जीत में इन दोनों भाइयों का बड़ा योगदान रहा, लेकिन 2017 आते-आते दोनों से वरुण ने किनारा कर लिया। फिर 2017 में मोनू ने इसौली से लोकदल के बैनर तले चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद 2019 में चंद्रभद्र सिंह बसपा के टिकट पर मेनका गांधी के मुकाबले पर उतरे जहां उन्होंने मेनका को कड़ी टक्कर दी। यही वजह रही कि, मेनका ने सांसद रहते हुए पांच साल तक इन दोनों भाइयों का जमकर विरोध किया, पर अब उनकी सपा में इंट्री होने से भाजपा को परेशानी की स्थिति में डाल दिया है।

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