LS Election 2024: ढाई दशक से अधिक समय से समाजवादी पार्टी, गोरखपुर सदर लोकसभा सीट के लिए निषाद प्रत्याशियों पर ही दांव लगाते आ रही है। मगर उसे जीत का स्वाद एक बार ही चखने का मिला है वह भी उपचुनाव में।
वर्ष 1998 के चुनाव में जमुना निषाद के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से अभी तक निषाद बिरादरी पर पार्टी का यह भरोसा कायम है। इस बीच सात बार चुनाव हुए, जिनमें पार्टी ने छह बार निषाद प्रत्याशी को मौका दिया। सिर्फ 2009 का एकमात्र ऐसा चुनाव रहा जब समाजवादी पार्टी ने गैर निषाद बिरादरी के मनोज तिवारी पर भरोसा जताया था।
काजल निषाद के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा तो 2022 में सपा के ही टिकट पर कैंपियरगंज से चुनाव लड़ चुकी है। पार्टी ने उन्हें पिछले साल हुए नगर निकाय के चुनाव में महापौर पद का भी प्रत्याशी बनाया था, मगर उन्हें वहां भी हार का स्वाद चखना पड़ा था। एक बार फिर से समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को गोरखपुर की लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है और चुनाव जीतने के लिए गठबंधन के साथ सपा नेता लगातार चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।
गोरखपुर सदर सीट पर जातिगत समीकरण
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल 20.74 लाख वोटर हैं। इनमें कैंपियरगंज विधानसभा में 3.90 लाख, पिपराइच में 4.10 लाख, गोरखपुर शहर में 4.68 लाख, ग्रामीण में 4.22 लाख और सहजनवां में 3.82 लाख वोटर हैं।
इनमें एक बड़ी आबादी निषाद बिरादरी की है। विशेषकर ग्रामीण, पिपराइच और कैंपियरगंज में। मुस्लिम और यादव वोट भी खास असर रखता है। वहीं चिल्लूपार से 2022 के चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के जरिए ब्राह्मणों का भी बड़ा वोट बैंक अपनी तरफ खींचने में कामयाब होगी।