बिजनौर की नगीना सीट में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी की जनसभा को बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने संबोधित किया। यह यूपी में आकाश आनंद की पहली रैली थी। आकाश आनंद ने बिना नाम लिए आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर को घेरा। कहा कि कुछ लोग युवाओं को बरगला रहे हैं। उन्हें इमोशनल करके सड़कों पर ले जाते हैं और प्रदर्शन करते हैं, जिससे हमारे युवाओं पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और उनका भविष्य खत्म हो जाता है।
कहा कि भाजपा ने शिक्षा रोजगार और सुरक्षा के मुद्दे पर कोई कार्य नहीं किए हैं। बीजेपी सरकारी खर्चे पर अपनी योजनाओं का बखान कर रही है। प्रदेश सरकार को स्वयं को बुलडोजर सरकार कहलवाना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन जनता ने सरकार को तोड़ने के लिए नहीं जोड़ने के लिए चुना था।आकाश आनंद ने विशेष रूप से युवाओं पर फोकस किया और मायावती के कार्यकाल की शिक्षा, रोजगार आदि योजनाओं को गिनाया।
आकाश आनंद ने आगे कहा कि, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने युवाओं को कभी भी उनके लिए प्रदर्शन या झगड़ा करने के लिए नहीं कहा है। उन्होंने सदैव वोट का अधिकार से अपना हक और न्याय लेने की बात कही है। अंत में उन्होंने सभी से अपील की कि किसी के भी बहकावे में ना आए और पार्टी को मजबूत करके बसपा को जिताएं।
नगीना सीट पर मुस्लिम और दलित समुदायों का वर्चस्व
नगीना सीट पर मुस्लिम और दलित समुदायों का वर्चस्व है। यहां क्रमशः इनकी आबादी 40% और 20% है। अन्य समुदायों में ठाकुर, जाट, चौहान राजपूत, त्यागी और कायस्थ शामिल हैं। 2019 के चुनाव में बीएसपी के गिरीश चंद्र ने बीजेपी के यशवंत सिंह को 1.66 लाख वोटों से हराया था, तब बसपा ने सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था।
बसपा ने मौजूदा सांसद का टिकट काटा, दूसरे को उतारा
इस बार चंद्रशेखर के नगीना से मैदान में उतरने से बसपा के लिए मुकाबला और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिस कारण पार्टी ने इस बार अपने मौजूदा सासंद गिरीश चंद्र की जगह नए उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं बिजनौर सीट से चौधरी विजेंद्र सिंह बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। 36 साल के चंद्रशेखर दलित और मुस्लिम मतदाताओं, विशेषकर दलित युवाओं के बीच अपनी लोकप्रियता पर भरोसा कर रहे हैं। वह लंबे समय से नगीना बेल्ट में सक्रिय रूप से अपनी उपस्थित दर्ज करा रहे हैं।