बरेली जिले के जोगी नवादा में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज और बवाल के साथ ही गलत बयान बाजी एसएसपी प्रभाकर चौधरी पर गाज गिरी है। शासन ने उनको हटा दिया है। रविवार रात मौके पर पहुंचे एडीजी पीसी मीणा और आईजी डॉ राकेश सिंह ने इंस्पेक्टर बारादरी अभिषेक सिंह और चौकी इंचार्ज अमित कुमार को भी सस्पेंड कर दिया है। 15 दिनों से भड़क रही चिंगारी को रोकने में पुलिस पर नाकामी का आरोप लगा है। पुलिस की नाकामी की ही वजह से जिले में अघोषित कर्फ्यू के हालात बने। प्रभाकर चौधरी की जगह सुशील चंद्र भान को बरेली जिले के नए एसएसपी की जिम्मेदारी मिली है।
कांवड़ की शुरुआत से ही बरेली में चिंगारी भड़क रही थी। सिरौली अलीगंज आंवला के मनोना में कई दिन तक बवाल रहा। कावड़ियों का रास्ता रोका गया। इसके बाद जिले का सबसे संवेदनशील इलाका खैलम में भी कावड़ियों का रास्ता रोका गया। जोगी नवादा में हफ्ते में दूसरी बार बवाल हो गया। पुलिस कांवड़ियों का रास्ता निकलवाने में फेल साबित हुई। पुलिस की ओर से कांवड़ियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने अपनी कार्रवाई में महिला भक्तों को भी नहीं छोड़ा। उनपर भी लाठियां बरसाई गईं। इस पूरे मामले में बरेली के जनप्रतिनिधियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, मेयर डॉ उमेश गौतम ने नाराजगी जताई। इसके बाद शासन ने एसएसपी प्रभाकर चौधरी को बरेली से हटा दिया है। प्रभाकर चौधरी इसी साल मार्च में बरेली एसएसपी बनाया गया था। तेरह साल की नौकरी में उनका 21 बार ट्रांसफर हो चुका है।
ईमानदार और पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ डंका बजाने वाले एसएसपी प्रभाकर चौधरी बरेली में कानून व्यवस्था और कांवड़ को सकुशल निपटाने में फ्लाप साबित हुए। जिसके बाद उनपर गाज गिरी है। पुलिस की कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा था कि सुबह से समझाया जा रहा था कि गैर-परंपरागत जुलूस न निकाला जाए। उन्होंने कहा था कि लोगों ने ईगो का माहौल बना लिया। उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को हम लोग मनाने में सफल हो गए तो कुछ खुराफाती लोग शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसी भी आशंका है कि दो-चार लोग उसमें दारू पी कर आ गए। उन्होंने कहा कि ये जबरदस्ती कांवर को ले जाने की कोशिश करने लगे।
उन्होंने कांवरियों पर शंका जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा भी प्रतीत होता है कि इनके पास कुछ अवैध वेपन भी थे। उन्होंने कहा कि इनके पास कट्टा भी था ऐसी सूचना मिली। उन्होंने कहा कि इसके बाद निर्णय लिया गया और हल्का बल प्रयोग करके भीड़ को डिसपर्स कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कठोर धाराओं में मुकदमा लिख रहे हैं कि गैर परंपरागत तरीके से माहौल को खराब करने के लिए इस तरह का प्रयास किया गया है। उनके इसी बयान पर शासन ने उनपर कार्रवाई की है।
बरेली से संवाददाता मोहम्मद जावेद खान की रिपोर्ट।