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Agra News: आगरा की सड़कों पर त्रिशूल से सजेंगी स्ट्रीट लाइटें, ताजमहल और आगरा किले के बीच हुई शुरुआत

आगरा नगर निगम ने शहर की स्ट्रीट लाइटों को सजाने के लिए पहले नियॉन तितली और भगवान शिव के डमरू की लाइटें लगाई थीं। लेकिन समय के साथ ये दोनों ही विकल्प खराब हो गए। रखरखाव की कमी और तकनीकी खामियों के कारण अधिकांश लाइटें काम करना बंद कर चुकी थीं। अब इनकी जगह स्ट्रीट लाइटों पर त्रिशूल लगाए जा रहे हैं।

त्रिशूल से सजेगी यमुना किनारा रोड

त्रिशूल लगाने की शुरुआत ताजमहल और आगरा किले के बीच यमुना किनारा रोड पर हो रही है। यह रोड ऐतिहासिक स्मारकों के बीच से गुजरती है और यहां स्ट्रीट लाइटों के ऊपर गोल्डन रंग के त्रिशूल लगाए जा रहे हैं। ये त्रिशूल दूर से ही आकर्षक दिखते हैं और सड़कों की सुंदरता में इजाफा कर रहे हैं।

हाथी घाट से श्मशान घाट तक ट्रायल शुरू

हाथी घाट से श्मशान घाट तिराहे तक यमुना किनारा रोड पर इन त्रिशूलों का ट्रायल शुरू किया गया है। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद, यदि यह योजना सफल रहती है, तो त्रिशूल को शहर की अन्य सड़कों पर भी लगाया जाएगा।

पूर्व में लगाए गए थे नियॉन डिजाइन

शहर में पहले स्ट्रीट लाइटों के खंभों पर नियॉन तितलियां लगाई गई थीं। ये तितलियां हरीपर्वत से मदिया कटरा, भावना क्लार्क इन, और गुरुद्वारा गुरु का ताल फ्लाईओवर जैसे स्थानों पर लगाई गई थीं। हालांकि, कुछ महीनों बाद ही ये खराब होने लगीं। इसके अलावा, हाथी घाट रोड पर भगवान शिव के डमरू की आकृति वाली नियॉन लाइटें भी लगाई गई थीं, जो जल्द ही बेकार हो गईं।

त्रिशूल बना नया प्रतीक

अब नगर निगम ने त्रिशूल को स्ट्रीट लाइटों के लिए नया प्रतीक चुना है। ये त्रिशूल बिना लाइट के हैं, लेकिन गोल्डन रंग के होने के कारण ये चमकदार और आकर्षक दिखते हैं। ताजमहल और आगरा किले जैसे ऐतिहासिक स्थलों के बीच भगवान शिव के इस प्रतीक को लगाने का उद्देश्य सांस्कृतिक और धार्मिक सौंदर्य को बढ़ावा देना है।

त्रिशूल का उपयोग आगरा की सड़कों को एक नई पहचान देने का प्रयास है। यह पहल शहर की सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व को भी उजागर करती है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इसे शहरभर में लागू किया जाएगा।

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