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Student Sick after eating Hostel food: खराब खाना देने से 100 छात्र बिमार, विभिन्न अस्पतालों में चल रहा इलाज

Student Sick after eating Hostel food: खराब खाना देने से 100 छात्र बिमार, विभिन्न अस्पतालों में चल रहा इलाज

Student Sick after eating Hostel food: खराब खाना देने से 100 छात्र बिमार, विभिन्न अस्पतालों में चल रहा इलाज

ग्रेटर नोएडा के एक हॉस्टल में करीब 100 छात्रों को खराब भोजन परोसने के कारण, छात्र फ़ूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए हैं। ऐसे में, इस समस्या को आनन-फानन में सुलझाने के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। बता दें कि शाम के समय छात्रों के हॉस्टल में खाना खाने के बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी। यह घटना नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में आर्यन रेजिडेंसी नाम के एक हॉस्टल की है, जहाँ अलग-अलग कॉलेज के छात्र रहते हैं और अपनी पढ़ाई को पूरा करते हैं।

शाम को भोजन के बाद स्थिति हो गई बदतर

शाम के समय जब छात्रों ने हॉस्टल में खाना खाया तो उनका जी कुछ ही देर में मचलने लगा और उनके पेट में दर्द होने के साथ-साथ कई छात्रों को उल्टी की समस्या होने लगी। एक दो बच्चों की तबियत यदि खराब होती तो कोई मुद्दा नहीं था परंतु एक साथ इतने बच्चों की तबियत खराब होने के कारण हॉस्टल में हड़कंप की स्थिति बन गई और आनन फानन में विभिन्न अस्पतालों में छात्रों को इलाज के लिए भेजा गया। वहीं इस रेसिडेंसी के पास मौजूद कैलास अस्पताल में लगभग 47 ग्रसित छात्रों को भेजा गया।

सभी छात्र हैं फूड Poison के शिकार

बताया जा रहा है कि त्वरित रूप से कार्यवाही करते हुए रात में ही सभी ग्रसित छात्रों को भर्ती करा दिया गया है और फिलहाल सभी छात्र अस्पताल में ही हैं और वे सभी छात्र फूड पॉइजनिंग से प्रभावित हुए हैं। वहीं छात्रों ने कहा कि रात को हमने खाना खाया था और खाने के तुरंत बाद अचानक से हमारी तबीयत खराब होने लगी और इतनी खराब हो गई कि अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाना पड़ा।

डॉक्टर ने क्या कहा

कैलाश अस्पताल के डॉक्टर हक ने कहा कि रात में करीब 47 छात्रों को अस्पताल में लाया गया था। ये सभी लोग खाना खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे। पर फिलहाल अभी सभी छात्र का हेल्थ स्टेबल है। छात्रों की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। वहीं इस घटना के बाद फूड विभाग भी हरकत में आ गया है और उनके द्वारा इस मामले में कहा गया है कि हॉस्टल में जो खाना छात्रों को दिया गया था, उसपर जांच करके आगे की कार्यवाही की जाएगी।

लेकिन सवाल वही है कि क्या प्रशासन के प्रयासों के बावजूद भी ऐसी स्थिति रूप अख्तियार कर ले रही हैं जिनसे बच्चों के जान पर बन जा रही है। कब तक पढ़ाई करने आए छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार होता रहेगा और वे बिमारी के शिकार होते रहेंगे।

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