लखनऊ, : पति-पत्नी का रिश्ता समाज में एक अनोखा स्थान रखता है। यह रिश्ता सिर्फ एक उम्र या समय तक सीमित नहीं होता, बल्कि सात जन्मों का बंधन माना जाता है। इस रिश्ते में दोनों एक-दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाते हैं और हर खुशी, ग़म, मुश्किल और जिम्मेदारियों का बोझ साझा करते हैं। उम्र की ढलान के साथ कई बदलाव आते हैं, परंतु जब दोनों ही वृद्धावस्था की परेशानियों का सामना एक साथ कर रहे हों, तो यह सफर और भी कठिन हो जाता है।
ऐसी ही एक कहानी है एक बुजुर्ग दंपति की। दोनों को उम्र के साथ ऑस्टियोअर्थराइटिस ने घेर लिया था, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया। पर देखिए इस रिश्ते का समर्पण—पत्नी चाहती थीं कि पहले पति का इलाज हो, ताकि वह उनकी देखभाल कर सकें। वहीं पति का मानना था कि पहले पत्नी का दर्द दूर किया जाए। इस दुविधा में सालों बीत गए और हालात और बिगड़ते चले गए।
अंततः, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने दोनों को एक साथ घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी कराने का सुझाव दिया। दोनों ने यह कहते हुए सहमति दी, “जैसे हम जीवन के हर उतार-चढ़ाव में साथ रहे हैं, इस कष्ट का भी सामना साथ करेंगे।