महाकुंभ 2025 में इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने संगम में पुण्य स्नान किया। मंगलवार को वह विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी पहुंचीं। संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन किए। सुधा मूर्ति ने कहा, “तीन दिन की मन्नत मानी थी। कल स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। यहां आकर मुझे बेहद संतोष और शांति मिली।”
सुधा मूर्ति ने बताया कि उनके पूर्वजों में से कोई भी कुंभ में नहीं आ सका था। उन्होंने कहा, “मेरे नाना-नानी और दादा जी के नाम पर तर्पण करना मेरा कर्तव्य है। यह एक अद्भुत अनुभव है।” योगी आदित्यनाथ सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में सभी प्रबंध उत्कृष्ट हैं।
महाकुंभ के दौरान परमार्थ निकेतन शिविर में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के 15 छात्रों का दल साध्वी भगवती के सान्निध्य में पहुंचा। उन्होंने भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और जीवन के गूढ़ पहलुओं पर चर्चा की। छात्रों ने संगम पर गंगा आरती में भाग लेकर भारत की सनातन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को महसूस किया।
साध्वी भगवती ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, अंतरराष्ट्रीय संघर्ष समाधान और आंतरिक शांति के महत्व को समझाया। इस संवाद के माध्यम से छात्रों ने महाकुंभ मेले के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को गहराई से जाना।
महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैश्विक आध्यात्मिकता का प्रतीक बनता जा रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालु और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं से गहरा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।