रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं।
रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं।
अयोध्या को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि- 'भाजपाई लालच ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो बाकी देश का क्या हाल कर रहे होंगे, ये कहने की बात नहीं। फिर आगें उन्होंने कहा कि भाजपा मतलब भू ज़मीन पार्टी'।
राम नगरी में रामलला की स्थापना के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास के विजन को मानों पंख लग गये हैं। अयोध्या में अवस्थापना, पर्यटन समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और सभी निर्माण कार्यों की गति में तेजी लायी जा रही है। इसी क्रम में, अब जल्द ही मुंबई के जुहू चौपाटी की तर्ज पर चौपाटी तैयार की कार्ययोजना पर भी कार्य हो
हेल्थ से जुड़े मामलों में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और मील के पत्थर को प्राप्त कर लिया है। अब प्रदेश ऐसा राज्य बन गया है जहाँ 5 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा है। वहीं मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने कई बार अधिकारियों को जरूरतमंद और गरीब लोगों की मदद के लिए अपने सुझाव और निर्देश देते रहे
प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित हो रहे संत सम्मेलन में रविवार को संतों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जहाँ संतों ने संकल्प लेते हुए कहा कि अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के बाद अब मथुरा और काशी को त्रासदा से मुक्त कराएंगे। बता दें कि यह आयोजन विश्व हिंदू परिषद के शिविर में आयोजित हो रहा था जहाँ संत सम्मेलन का कार्यक्रम हुआ।
समाजवादी पार्टी से लोकसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया है. इस दौरान अवधेश प्रसाद का बयान सामने आया है.
अयोध्या में रामलला के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु नव्य और भव्य अयोध्या के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अयोध्या में 23 जनवरी को एक दिन में ही लगभग 5 लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए थे। इतनी भीड़ होने के बावजूद सभी रामभक्तों ने बिना किसी व्यवधान(कुछ अपवाद को छोड़कर) के
22 जनवरी को अयोध्या में हुए रामलल्ला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में राम भक्तों के आने का आंकड़ा आसमान छूने लगा है। जिसके अंतर्गत अयोध्या प्रशासन को पहले दिन यानी 23 जनवरी को दर्शनार्थियों की भीड़ से हाथ-पांव फूल गए थे पर उसके बाद स्थित को काबू में कर लिया गया था और वर्तमान समय में आंकड़े के अनुसार 20 लाख लोगों से ज्यादा लोगों ने अपने प्रभु
अयोध्या में 22 जनवरी 2022 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दिन यानि 23 जनवरी 2024 को मंदिर में आम लोगों के बालक राम के दर्शन के द्वार खोल दिए गए हैं। ऐसे में पहले ही दिन रात के 3 बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। पहले ही दिन इस कदर श्रद्धालुओं की भीड़ रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आई
500 साल लंबे इंतजार के बाद अखिरकार अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी गई है। इसके बाद रामलला अपने दिव्य, नव्य और भव्य महल में विराजमान हो गए हैं। पीएम मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लिया, पूजा अर्चना की। इसके बाद पीएम मोदी ने रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। बता दें कि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास से वर्चुअल कार्यक्रम के द्वारा कोलकाता और अयोध्या के लिए एयर एशिया एयरलाइंस की सीधी हवाई उड़ान सेवा का शुभारंभ किया। वही इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद लल्लू सिंह और एयर एशिया के प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहे।
अयोध्या में सफल दीपोत्सव 2023 समारोह के बाद, राज्य सरकार आगामी कार्तिक स्नान मेला, 14 कोसी परिक्रमा और अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा के लिए देश भर से भक्तों की आमद के लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रही है।
यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया है, जिसका लक्ष्य राम मंदिर के विशाल उद्घाटन समारोह के लिए 2,500 प्रमुख हस्तियों और 4,000 संतों को आमंत्रित करना है।
अयोध्या दीपोत्सव' हर साल नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो रहा है। इसके अलावा, सदियों से प्रतीक्षित श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है और इसका उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने वाला है।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023 को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य राज्य में ड्रोन से जुड़ी परिचालन चुनौतियों का समाधान करना है।