महामाई कामाख्या देवी के उद्घोष और 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर समस्त वातावरण पावन और पवित्र हो गया। चारों तरफ महामायी कामाख्या और भैरव बाबा की ध्वजा पटकाएं लहराते नजर आई। बता दें कि आसाम व मिथिलानगरी से आए आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारम के साथ सर्वप्रथम गौ पूजन किया गया उसके बाद 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलन कर शुभ महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ।