मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व ऐतिहासिक रहा। मंगलवार को लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। संगम तट पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व ऐतिहासिक रहा। मंगलवार को लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। संगम तट पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया।
प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित हो रहे संत सम्मेलन में रविवार को संतों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जहाँ संतों ने संकल्प लेते हुए कहा कि अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के बाद अब मथुरा और काशी को त्रासदा से मुक्त कराएंगे। बता दें कि यह आयोजन विश्व हिंदू परिषद के शिविर में आयोजित हो रहा था जहाँ संत सम्मेलन का कार्यक्रम हुआ।
हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ में विभिन्न परंपराओं के हजारों संतों की एक सभा में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक शांति सुनिश्चित करने में सनातन धर्म के गहरे प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के संतों का एकमात्र उद्देश्य लोगों का कल्याण है, जो गांव-गांव में जागरूकता बढ़ाकर सरकार के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे