रात में ड्यूटी करने वाले स्टाफ और डॉक्टरों की बात करें तो वो रजिस्टर में इंट्री करने के बाद एक बार अस्पताल का निरीक्षण करके मरीजों की हालत का जायजा लेते हैं। उनको जरूरी दवाएं और उपचार करके अपने रूम में जाकर रेस्ट करने लगते हैं।
रात में ड्यूटी करने वाले स्टाफ और डॉक्टरों की बात करें तो वो रजिस्टर में इंट्री करने के बाद एक बार अस्पताल का निरीक्षण करके मरीजों की हालत का जायजा लेते हैं। उनको जरूरी दवाएं और उपचार करके अपने रूम में जाकर रेस्ट करने लगते हैं।
लापरवाही की हद तो इतनी है कि अवैध अस्पतालों में न तो स्टाफ नर्स होती हैं और न ही ट्रेड टेक्नीशियन होते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि आयुर्वेदिक स्नातक की डिग्री पर ही डॉक्टर मेजर ऑपरेशन कर रहे हैं।