तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आँकड़े झूठे हैं ये दावा क़िताबी है। अदम गोंडवी साहब का ये शेर आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना जब ये लिखा गया होगा। खासकर, जब देश के सबसे पिछड़े जिले की बात की जाती है तो गांवों का विकास अपने आप में एक अलग ही अहमियत रखता है।