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बांदा जिले में डीएम नागेंद्र प्रताप के निर्देश पर अवैध खनन के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया गया है। राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने जांच में पाया कि 9930 घन मीटर अवैध खनन और परिवहन हुआ है।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 'बंटोगे तो कटोगे' का नारा दिया था। इसके बाद झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी ये नारा ट्रेंड में रहा।
बांदा लाल सोने की लूट की चाह बांदा जनपद में लगातार परवान चढ़ती जा रही है। इस धंधे में खनन कारोबारी जमकर अवैध खनन करते हुए अपनी तिजोरियों को अवैध खनन से प्राप्त होने वाली रकम से भर रहे हैं।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार समय समय पर अधिकारियों को निर्देश जारी करते रहते है कि किसी भी दशा में अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन न हो। इसी के साथ राजस्व की क्षति बर्दाश्त करने कि खिलाफ भी हैं।
बांदा के मरौली खंड 5 के साथ-साथ एक ही कंपनी के कारोबारी द्वारा बरियारी खदान में भी जारी है अवैध खनन का खेल। बता दें कि खेलपोकलैंड मशीन लगाकर और दिन के उजाले में बीच जलधारा में किया जा रहा बेखौफ अवैध खनन का काम।
बांदा के मरौली खंड पांच में अवैध खनन का सिलसिला दबंगई के बल पर जारी है। खनन माफिया यहां केन नदी की संपदा को बेहिसाब उजाड़ रहे हैं। इस अवैध गतिविधि के चलते क्षेत्र के किसानों ने संबंधित अधिकारियों पर रिश्वत के बल पर अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है।
बांदा में यूपी की बात की खबर का बड़ा असर हुआ है। बुंदेलखंड में चल रहे अवैध खनन को लेकर चैनल ने प्रमुखता से लगातार खबर चलाई। जिसको लेकर खनन निदेशक द्वारा जिला प्रशासन से कार्रवाई कराई गई है।
उत्तर प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में मीडिया माफिया हावी हैं। बात करें बांदा जिले की तो यहां आये दिन जिला अस्पताल में डॉक्टर्स मरीजों और उनके परिवार वालों को बाहर की दवाएं लिखने में देरी नहीं करते हैं।
मृत गोवंश का रात लगभग 11 बजे अंतिम संस्कार करवाया गया। जबकि दूसरे गोवंश को नगर पालिका द्वारा संचालित गौशाला में भिजवाया गया। इस संबंध में विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के जिलाध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने थाना नगर कोतवाली में तहरीर दी।
नीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर राजाओं के जमाने से बना हुआ है। 30 साल पहले भी हनुमान जी की आंखों से आंसू आये थे और आज यह दोबारा देखने को मिला है।
रात में ड्यूटी करने वाले स्टाफ और डॉक्टरों की बात करें तो वो रजिस्टर में इंट्री करने के बाद एक बार अस्पताल का निरीक्षण करके मरीजों की हालत का जायजा लेते हैं। उनको जरूरी दवाएं और उपचार करके अपने रूम में जाकर रेस्ट करने लगते हैं।