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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जबसे राज्य की सत्ता संभाली तबसे उनकी भ्रष्टाचार के प्रति हमेशा से जीरो टॉलरेंस की नीति रही है।उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति एक्शन मोड में है।इसी क्रम में सीएम योगी का हथौड़ा ऑडिट विभाग पर चला है। वित्त विभाग के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 को जारी किए गए प्रमोशन आदेश को शासन ने निरस्त कर
बिजनौर जनपद के ग्राम पंचायत शाह अलीपुर अब्दुल सत्तार के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2015 में तत्कालीन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों को सिर्फ कागजों में दिखाकर लाखों रुपए का वारा न्यारा कर दिया गया।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार समय समय पर अधिकारियों को निर्देश जारी करते रहते है कि किसी भी दशा में अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन न हो। इसी के साथ राजस्व की क्षति बर्दाश्त करने कि खिलाफ भी हैं।
उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में तैनात IAS एवं PCS अधिकारी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से लिप्त हैं। जब ‘यूपी की बात’ की टीम ने उत्तर प्रदेश के लगभग 65 जिलों की पड़ताल की, तो पाया गया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात IAS अधिकारी जो जिलाधिकारी, नगर आयुक्त एवं उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण के पद पर तैनात हैं। उनमें से कई भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
वृंदावन में बुधवार को बिना परमिशन के भू-माफियाओं ने सैकड़ों पेड़ काट दिए। देर रात पेड़ काटने की खबर आग की तरह फैल गई। जिसके बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश बढ़ गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और संबंधित वन रक्षक को निलंबित कर दिया।
बरेली जनपद के भोजीपुरा क्षेत्र में मीठा जहर बेचा जा रहा है यानी कि मिलावटी मिठाई। जो कि धड़ल्ले से बेची जा रही है और जिन पर फूड विभाग के अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी है।
भ्रष्टाचार में लिप्त और पद का दुरुपयोग करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर एक बार फिर सीएम योगी का चाबुक चला है। जनपद फिरोजाबाद के अंतर्गत सिरसागंज तहसील में गलत तरीके से जमीन बेचने एवं संदिग्ध रूप से अपने करीबियों को जमीन दिलाने के मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए सरकार ने यहां उप जिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और पेशकार को सस्पेंड कर दिया है। जांच के
सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद जमीन स्तर पर भृष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। गांव के सरकार के मुखिया दोनों हाथों से सरकारी धन को लूटने में मशगूल हैं। लेकिन गांव के विकास पर नजर रखने के लिए बनाए गए विभाग भी खाऊ कमाऊ नीति में मस्त होकर आंखें बंद कर गांव की सरकार को खुला संरक्षण प्रदान कर रहे हैं।
किसानों ने चांदपुर शुगर मिल पर नकली फर्टिलाइजर और कोरोजन कीटनाशक जबरन बेचे जाने का आरोप लगाया है। शुगर मिल गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को कोरोजन और फर्टिलाइजर दे रही है। किसानों का आरोप है कि इस कोरोजन के छिड़काव से फसलों में रेडरॉट बीमारी लगने से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।
गाजियाबाद में ‘यूपी की बात’ के खबर का बड़ा असर हुआ है। भ्रष्टाचार को लेकर आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह ने संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त ने भ्रष्टाचार के आरोप में अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार चंद्र को पद से हटा दिया है।
जब से सीएलटीसी शुभम सिंह की पोस्टिंग जिले हुई है। तब से शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र लोगों को खूब दिया गया। शुभम सिंह ने जिले में जमकर भ्रष्टाचार किया।
ग्राम पंचायत बार में जन सूचना केंद्र के निर्माण के लिए मनरेगा के तहत 5 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। जन सूचना केंद्र निर्माण के लिए 8 जून को निविदा प्रकाशन हुई और 15 जून को निविदा खुलने की तारीख है। लेकिन इससे पहले ही 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जो निर्माण कार्य हुआ भी है वो भी बिना मानकों के हुआ है। ग्राम विकास अधिकारी इस