उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में अभी हालात जस के तस हैं। बात करें बलिया जिले की तो यहां सदर तहसील क्षेत्र के शिवपुर दियर नंबरी में गंगा नदी का पानी गांवों में घुसने से चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में अभी हालात जस के तस हैं। बात करें बलिया जिले की तो यहां सदर तहसील क्षेत्र के शिवपुर दियर नंबरी में गंगा नदी का पानी गांवों में घुसने से चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है।
जालौन के कोंच के मोहल्ला गांधीनगर और ईदगाह के पास बाढ़ ग्रस्त इलाकों का सिटी मजिस्ट्रेट उरई अजीत जायसवाल और पालिकाध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने दौरा किया। इस दौरान एसडीएम कोंच ज्योति सिंह, तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
कानपुर में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी का बढ़ता जलस्तर अब लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। यमुना पट्टी से जुड़े करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट चुका है। गांव के चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। लोगों में अब आजीविका का संकट पैदा हो गया है।
लगातार हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। कई जगहों पर तो हालात बद से बदतर हो गए हैं। बात करें मुरादाबाद की तो यहां कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे तमाम घाट पानी में डूब गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ व क्षेत्र की स्थितियों से अवगत होने के बाद बहराइच में जनप्रतिनिधियों संग बैठक भी की। सीएम ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि जनजीवन सामान्य है, लेकिन सतर्कता की अभी भी आवश्यकता है।
हमीरपुर जनपद मे हो रही लगातार बारिश व बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना-बेतवा नदियों में बाढ़ की संभावना उत्पन्न हो गई है। लहचूरा के साथ-साथ माताटीला बांध से भी पानी छोड़ा गया है।
उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से लोग अपना जीवन बचाने के लिए जद्दोहजहद कर रहे हैं। सरकार बाढ़ पाड़ितों को राहत सामग्री भेज रही है। लेकिन कुछ जिम्मेदार बाढ़ राहत सामग्री पर ही डाका डाल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और आसपास के जिलों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने यूपी के 12 जिलों में भारी बारिश का एलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और डैम से पानी छोड़ने पर 15 जिलों में नदियां ऊफान पर हैं। जिससे करीब 80 गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं वाराणसी में अभी घाट और सीढ़िया जलमग्न है, ऐसे में गंगा आरती छत से हो
मथुरा के वृंदावन में यमुना का रौद्र रूप वहां के आम लोगों को डरा रहा है। यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान के नजदीक पहुंच रहा है। ऐसे में प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग को बंद कर दिया है।
बाराबंकी जिले में सरयू नदी की बाढ़ से लोगों के बीच हाहाकार का माहौल बना हुआ है। ऐसे में रामनगर तहसील क्षेत्र में सरयू नदी की बाढ़ के चलते 55 घर नदी में समा गए हैं, जिसके चलते यहां के सभी लोग अब बेघर हो गए हैं। वहीं कुछ गांव के किनारों पर सरयू नदी से तेजी से कटान हो रहा है, जिसके कारण इन गांवों के लोगों ने अपना
वाराणसी में गंगा-वरुणा नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। आज से ही गंगा और वरुणा नदी के बाढ़ संभावित इलाकों में रैन बसेरा लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में देवीपाटन मंडल के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मंडलीय समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों संग भेंट की। उन्होंने जनहित से जुड़े 13 विभागों के कार्यों की प्रगति को देखा।
ललितपुर में बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। ऐसे में राजघाट के 8 तो माताटीला के 20 बांध गेट खोलने पड़े हैं। वहीं आज पूरे यूपी में केवल प्रतापगढ़ जिले में बारिश की चेतावनी दी गई है। बाकी बचे 74 जिलें ग्रीन जोन रहेंगे यानी इन जिलों में उमस के साथ ही तेज धूप का भी प्रभाव रहेगा।
गोरखपुर में बाढ़ की समस्या निरंतर बनी हुई है। मानसूनी बारिश के साथ नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण राप्ती नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। जिससे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं।
मानसून के आगमन के बाद नेपाल से सटे यूपी राज्य के 10 जिलों में बाढ़ के प्रभाव से आम लोग भारी मात्रा में प्रभावित हो रहे हैं। वहीं गोरखपुर में बह रही राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में नदी के किनारे बसे गांवों में पानी भरता जा रहा है। जिससे करीब 40 हजार लोग सीधे प्रभावित हो रहे हैं।